नई दिल्ली — यूनाइटेड नेशन की फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा बिल्कुल नहीं है कि भारत में कम अनाज पैदा होता है, लेकिन यह जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता और अब भी देश की बड़ी आबादी को भूखा सोना पड़ता है ।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत हर दिन 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद कर देता है, जो कि सालाना के हिसाब से 88800 करोड़ रुपए का बैठता है। वहीं, दूसरी तरफ भारत में ही रोजाना 19 करोड़ चालीस लाख लोग भूखे रहते हैं। बर्बाद सामान में 21 मिलियन टन गेहूं संबंधी उत्पादन होता है। वहीं फसल कटाई के बाद होने वाला नुकसान एक लाख करोड़ रुपए के करीब बैठता है। कुल उत्पादित होने वाली खाद्य सामग्री का चालीस प्रतिशत हर साल बर्बाद हो जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जनसंख्या को खिलाने के लिए हर साल 225-230 मिलियन टन खाने की जरूरत है, वहीं 2015-16 में 270 मिलियन टन का उत्पादन हुआ था। वैश्विक भूख सूचकांक में भी भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। 119 देशों में भारत 100वें नंबर पर है। बता दें कि 2016 में भी एक रिपोर्ट आई थी। उसमें कहा गया था कि ब्रिटेन के लोग जितना खाना खाते हैं, उतना भारतीय बर्बाद कर देते हैं।