लखनऊ। प्रदेश में नौकरशाही का हाल अभी भी काफी हद तक दयनीय है जिसके चलते अगर जब मातहत ही अपने अफसर पर आरोप लगाए तो फिर ऐसे में जनता अपना दर्द किसे बताए। क्योंकि जिस प्रकार से एक अफसर द्वारा जिले के मुखिया अर्थात डी एम के उत्पीड़न से त्रस्त होकर इस्तीफा दिये जाने की बात कही गई है वो बेहद गंभीर बात है। हालांकि डीएम ने उक्त मातहत को बेहद लापरवाह अफसर बताया है। क्योंकि इसी के चलते पूर्व जिलाधिकारी ने भी उक्त अफसर के खिलाफ पत्र लिखा था।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से हरदोई के जिलाधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के बीच जारी तनातनी इस हद तक पहुच गई कि जिलाधिकारी पुलकित खरे पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने शासन को अपना इस्तीफा भेज दिया। जिसके चलते प्रशासन में हड़कंप मच गया।
ज्ञात हो कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हरिप्रसाद अंबेडकर की तैनाती सीतापुर में है, लेकिन उनके पास हरदोई का अतिरिक्त चार्ज भी है। हरिप्रसाद अंबेडकर ने अपना त्यागपत्र शुक्रवार को प्रमुख सचिव को दिया था। अपने दिए गए इस्तीफे के साथ उन्होंने 2 पेज का एक पत्र भी प्रमुख सचिव को सौंपा। जिसमें उन्होंने शादी अनुदान पत्रावली पर हस्ताक्षर करने के लिए डीएम हरदोई द्धारा घंटों अपने आवास पर बैठाए रखने का आरोप लगाया। घंटों बैठने के बाद भी फाइल पर हस्ताक्षर ना करने के कारण शादी अनुदान के लिए शासन द्धारा निर्गत 324 लाभार्थियों का 64 लाख, 89 हजार उनके बैंक खातों में ना जा पाने के कारण मानसिक तनाव के चलते इस्तीफा देने की वजह बताई है।