डेस्क्। यह सत्य है कि जैसा कि किवदंतियों के अनुसार सुना और जाना गया है कि मणि की महत्ता बहुत ही अधिक है इस मणि की चाह में जाने कितने ही अपना सब कुछ गंवा बैठे और जाने कहां कहां नही भटके जाने कितने ही नागों की इसके लिए बलि चढ़ गई परन्तु सदियां बीतने के बावजूद उक्त किवदंती के अनुरूप ही आज भी मणि की महत्ता उतनी ही और वैसी ही बनी हुई है बस फर्क इतना है कि वह मणि नाग से जुड़ी थी और यह मणि नाम से जुड़ी है। पर इस मणि की महत्ता जितनी प्रदेश में पहले थी उससे कहीं ज्यादा इस बार देखने को मिल रही है। ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्योंकि मणि की महत्ता बखूबी जितनी इन महानुभाव को है उतनी तो किसी और को संभव ही नही। इसका तो इतिहास भी गवाह है।
गौरतलब है कि इस मणि ने जहां पूर्व में कई ऐसे कारनामों को अंजाम दिया और दिलवाया कि जिसके चलते हालांकि इस पर शिकंजा कसने की बखूबी तमाम कवायदें भी की गईं लेकिन मणि को प्रदत्त शक्तियों के चलते सब कुछ बेकार साबित हुआ। और मामला ढाक के तीन पात वाला होकर रह गया। मणि अपनी चकाचौंध बिखेरने में मस्त और व्यस्त हो चली।
वहीं इस बार तो जैसे मणि का जोर कुछ ज्यादा ही नजर आया और वह तो जैसे पहले से भी शक्तिशाली और गुणों से भरपूर हो गई जिसकी बानगी जब तब देखने को मिलती ही जा रही है। उस पर तुर्रा यह है कि इस मणि की चकाचौंध से दिक्कतें झेलने वालों की कोई सुनवाई भी नही हो पा रही है। एक तरह से यह मणि के जादू का प्रभाव ही है कि मणि के खिलाफ एक भी शब्द बोलना गुनाह सा हो गया है ऐसा करने वालों को दरबार से धक्के मारकर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
अगर यह सिलसिला ऐसा ही चला तो उक्त मणि प्रदेश के महानुभव को तमाम बड़ी दिक्कतों में उलझा सकती है वैसे ही विरोधी और आस्तीन में छिपे कई सांप कोई कसर नही छोड़ रहे हैं ऐसे में जिस तरह से वह खुद को मणि से जोड़ रहे हैं वह उनके लिए घातक सिद्ध होगा। क्योंकि मणि के किस्से तमाम आम-ओ-खास में चर्चा का केन्द्र बनते जा रहे हैं और धीरे-धीरे उसके मोहपाश में फंसे होने के चलते ही महानुभाव भी लोगों की नजरों में चढ़ते जा रहे हैं।
इतिहास गवाह है कि मणि की चाह या मणि के मोहपाश में जो भी फंसा है उसको नुक्सान ही उठाना पड़ा है। हाल फिलहाल इसके असर देखने को मिल ही चुके हैं और जानकारों की मानें तो आगे आने वाले समय में यह कितना घातक साबित होगी इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन भी है। क्योंकि मणि के मोहपाश में फंसकर जाने कितने ही अपना सब कुछ गंवा चुके हैं। इसलिए जानकारों का मानना है कि वक्त रहते मणि के मोहपाश से मुक्त हो जाने में ही भलाई है।