नई दिल्ली। बजट सत्र में हंगामे के खिलाफ भाजपा ने देशभर में उपवास रखा। दरअसल बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद नहीं चलने देने पर विपक्ष के खिलाफ आज मोदी सरकार का सबसे बड़ा उपवास है। इस उपवास में केवल केंद्र सरकार के मंत्री ही नहीं बल्कि सांसद, विधायक और नेता भी शामिल हैं। जिसके तहत पीएम मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य बड़े नेता अलग-अलग स्थानों पर उपवास पर बैठे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक के धारवाड में उपवास रखा। वहीं देश के अन्य राज्यों में भी भाजपा नेताओं ने भी अपने-अपने क्षेत्र में उपवास रखा।
मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के नेतृत्व में 2 हजार सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्य उपवास पर हैं। देश के सभी 600 जिला मुख्यालयों में उपवास रखा गया है। वहीं उपवास से पहले पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से बड़ी अपील भी की है। उन्होंने कहा कि वे उपवास के दौरान मीडिया और लोगों से बातचीत करें और बताएं कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में किस तरह बाधा पैदा कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक जहां कर्नाटक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, महाराष्ट्र में सीएम देवेंद्र फडणवीस और पूनम महाजन , दिल्ली में बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी , महाराष्ट्र के ठाणे में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पीएम मोदी की लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में उपवास पर बैठे हैं। वहीं दिल्ली के चांदनी चौक में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी भी उपवास पर बैठे हैं जिसके चलते सड़क जाम हो गया है। इसी प्रकार पटना के नवादा में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तथा गिरिराज सिंह उपवास पर बैठे हैं। वहीं मुंबई में बीजेपी सांसद परेश रावल भी उपवास पर बैठे हैं।
ज्ञात हो कि संसद का बजट सत्र 22 दिन बिना किसी काम के समाप्त हो गया। इसके बाद अब भाजपा और कांग्रेस ने उपवास की राजनीति की तरफ कदम बढ़ाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार 6 अप्रैल को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बंटवारे की राजनीति का आरोप लगाया।
साथ ही घोषणा की कि कांग्रेस द्वारा बजट सत्र के दौरान संसद में पैदा गए गतिरोध के खिलाफ भाजपा 12 अप्रैल को पूरे देश में उपवास रखेगी। बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार बोले की प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि जहां सत्ताधारी दल जोड़ने की राजनीति कर रहा था वहीं विपक्षी दल तोड़ने की राजनीति में लगे थे।
वहीं विपक्षी दलों द्वारा दलितों के मुद्दे पर घेरे जाने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि भाजपा सांसद और अन्य नेता 14 अप्रैल से 5 मई के बी देश के 20,844 गांवों में जाकर दलितों से मिलेंगे और उनके साथ समय बिताते हुए उन्हें केंद्र सरकार की उनके लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देंगे।
जहां भाजपा ने 12 अप्रैल को उपवास की घोषणा की है वहीं कांग्रेस ने 19 अप्रैल को देशभर में उपवास रखने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने कहा है कि वो देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बचाने और बढ़ाने के लिए भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ 19 अप्रैल को पूरे देश में उपवास करेगी।
जबकि इससे पहले 9 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं संग राजघाट पर सांकेतिक उपवास किया था। हालांकि, कुछ पार्टी नेताओं के छोले-भटूरे खाते फोटो वायरल होने के बाद कांग्रेस की काफी किरकिरी भी हुई।
हालांकि अब भाजपा के इस उपवास को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि यह उपवास नहीं नौटंकी है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह उपवास का नहीं, संन्यास का समय है। सरकार ने समय रहते सच्चाई का सामाना नहीं किया, तो 2019 में वनवास पर जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार से सवाल पूछा कि यदि सरकार ही अनशन पर बैठ जाएगी, तो जनता की समस्याओं का जवाब कौन देगा? उन्होंने कहा कि संसद न चलने के जिस मुद्दे को लेकर भाजपा उपवास करने जा रही है, वह सिर्फ नौटंकी है। संसद में उनके पास बहुमत है। वह सदन को चला सकते थे। संसद में यह हंगामा उनकी ही तरफ से व्यवधान डालने की कोशिश थी, क्योंकि बैंक घोटाले, राफेल डील, एससी-एसटी एक्ट, किसानों से जुड़ी समस्याओं, सीबीएसई और एसएससी घोटाला जैसे मुद्दों पर वह जबाव नहीं देना चाहती थी।