लखनऊ। सीबीआई आज यूपी के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप कांड के आरोप में गिरफ्तार भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को दोपहर बाद रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करेगी। सूत्रों के अनुसार सेंगर को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की कोशिश की जाएगी हालांकि, यह मजिस्ट्रेट के विवेक पर निर्भर होगा कि वह आरोपी को रिमांड पर देती है या जेल भेजती है।
गौरतलब है कि सेंगर को शुक्रवार रात 10 बजे गिरफ्तार किया गया था, यद्यपि उसे तड़के 5 बजे ही उसके लखनऊ स्थित आवास से हिरासत में ले लिया गया था। जबकि विधायक की गिरफ्तारी से पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीबीआई से कहा था कि हिरासत नहीं, आरोपी विधायक को गिरफ्तार करो।
वहीं सूत्रों के मुताबिक हिरासत में लेने के बाद सीबीआई ने सेंगर से करीब 17 घंटे पूछताछ की। पूछताछ में शामिल एक अधिकारी के अनुसार इस दौरान विधायक कई बार फफक फफक कर रोए। सीबीआई ने उन्नाव के माखी थाने के पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की। जांच एजेंसी ने बलात्कार पीड़िता और उसके परिजनों का पक्ष भी जाना।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने 12 अप्रैल को इस मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द करने की संस्तुति की थी। जांच मिलते ही सीबीआई हरकत में आ गई। रात 3 बजे सीबीआई की टीम के साथ स्थानीय पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई और तड़के 5 बजे सेंगर सीबीआई की हिरासत में था।
जबकि इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए सेंगर को अविलंब गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश डी बी भोंसले और न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। युगल पीठ ने कहा कि आरोपी की हिरासत पर्याप्त नहीं है, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। न्यायालय ने 2 मई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
वहीं पीड़िता का आरोप है कि बांगरमऊ के विधायक ने पिछले साल 17 जून को उसके साथ बलात्कार किया था। उसके पिता को विधायक के भाई और समर्थकों ने मारा पीटा भी था, जिस कारण उनकी पिछले सोमवार को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर विधायक के खिलाफ 11 अप्रैल की रात उन्नाव के माखी थाने में बलात्कार और पास्को एक्ट सहित कई धाराओ में मुकदमें दर्ज किए गए थे।