वाशिंगटन। सीरिया में हुए केमिकल अटैक से नाराज अमेरिका ने शुक्रवार देर रात ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर सीरिया पर हवाई हमला कर दिया है। इस संयुक्त ऑपरेशन के दौरान सीरिया के विभिन्न अहम ठिकानों पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं गईं हैं। अमेरिका और सहयोगी देशों की इस कार्रवाई का रूस ने विरोध करते हुए कहा है कि वो पुतिन का अपमान सहन नहीं करेंगे।
वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आपात सत्र बुलाया है। दूसरी तरफ अमेरिका के साथ अपनी इस संयुक्त कार्रवाई को जायज ठहराते हुए ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने कहा है कि यह हमला सीरिया द्वारा रासायनिक हमलों के खिलाफ साफ संदेश है।
इससे पहले अमेरिकी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब से कुछ देर पहले ही मैंने अमेरिकी आर्म्ड फोर्सेस को निर्देश दिए हैं कि वो सीरिया के तानाशाह बशर अल असद के रासायनिक हथियारों की क्षमता वाली जगहों को निशाना बनाएं।
ट्रंप में अपनी मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि यह हमला फ्रांस और ब्रिटिश सहयोगियों के साथ मिलकर किया गया है। यह हमला रूस द्वारा सीरिया के असद द्वारा रासायनिक हथियारों के उपयोग को रोकने में नाकाम रहने का सीधा नतीजा है।
ट्रंप ने हमले को लेकर कहा कि यह फ्रांस, यूके और अमेरिकी आर्म्ड फोर्सेस का संयुक्त ऑपरेशन है जो फिलहाल जारी है। हम इन दोनों देशों को धन्यवाद देते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देर रात सीरिया के आसमान में अमेरिकी फाइटर जेट्स उड़ान भरते नजर आए और उन्होंने एयर स्ट्राइक्स कीं।
अमेरिका के इस बड़े कदम के बाद रूस ने नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी है कि इसका अंजाम युद्ध हो सकता है।