लखनऊ। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा यूपीएसआईडीसी के अध्यक्ष अनूप चंद्र पांडे द्वारा यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबन्धकों के साथ बैठक की गई। जिसमें यूपीएसआईडीसी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में संचालित गतिविधियों की समीक्षा करने सहित यूपीएसआईडीसी के कार्य वातावरण को और अधिक पारदर्शी बनाने हेतु भविष्य के लिए रणनीति तैयार करने के लिए विचार विमर्श किया गया।
इस बैठक के दौरान सचिव औद्योगिक विकास, श्री संतोष यादव; प्रबन्ध निदेशक, यूपीएसआईडीसी श्री रणवीर प्रसाद और विशेष सचिव श्री आलोक पांडे भी उपस्थित थे। बैठक में राज्य में इकाइयां स्थापित करने की इच्छा रखने वाले निवेशकों को उचित अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए योजित कार्यवाहियों पर विचार किया गया। बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिये गये और बैठक में भाग लेने वाले सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों को निर्देश जारी किए गए।
बैठक में विशेष रूप से जहां अनुपयोगित भूखंडों को निरस्त करने के निर्णय के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई। यह बताया गया कि 364.21 एकड़ क्षेत्र में 987 भूखण्ड निरस्त कर दिए गए हैं और कई अन्य भूखंडों की निरस्तिकरण प्रक्रिया विभिन्न चरणों में हैं। अध्यक्ष यूपीएसआईडीसी ने निर्देश दिये कि सभी अनुपयोगित भूखंडों के लिए निरस्तिकरण प्रक्रिया 30-04-2018 तक पूरी की जानी चाहिए। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि बोर्ड के निर्णय के अनुसार 5 साल से कम वर्ष के आवंटन वाले आवंटियों से आवश्यक शुल्क प्राप्त करने के बाद समय विस्तार किया जाना चाहिए, लेकिन आवंटन 5 साल से अधिक न हो।
इसके अलावा यह भी तय किया गया कि वे आवंटी जिनके आवंटन 5 साल से अधिक पुराने हैं और 31/12/2017 से पहले समय विस्तार के लिए आवेदन कर चुके हैं, उन्हें आवश्यक समयावधि के भीतर आवश्यक शुल्क जमा करना होगा। जमा शुल्क के लिए और अधिक समय नहीं दिया जाना चाहिए और निरस्तिकरण शुरू किया जाना चाहिए क्योंकि वास्तविक निवेशकों के लिए भूमि को मुक्त करने के लिए निरस्तिकरण आवश्यक है। इसलिए, निरस्तिकरण के 30 दिनों के बाद, इन भूखंडों को नये आवंटन के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए यूपीएसआईडीसी की वार्षिक योजना पर चर्चा की गई और आवंटन के लिए न्यूनतम 1000 एकड़ का लक्ष्य तथा रु0 900 करोड़ का वित्तीय लक्ष्य रखा गया। तथा रणवीर प्रसाद, एमडी, यूपीएसआईडीसी ने क्षेत्रीय प्रबन्धकों द्वारा क्षेत्रों में निवेशकों को सुविधा प्रदान करने और ऑनलाइन आवंटन और डिफॉल्टर्स और अनुपयोगित भूखंडों की निरस्तिकरण स्थिति की भी समीक्षा की।
साथ ही प्रारंभ में 40 परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिन्होंने यूपीआईएस-2018 के दौरान यूपी सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। सचिव औद्योगिक विकास, श्री संतोष यादव ने सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों को अपने क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं से संपर्क करके उन्हें अपनी इकाइयों की स्थापना में सहायता के लिए निर्देश दिये। वहीं इस बैठक के दौरान विशेष सचिव, आलोक पांडे ने निवेशकों के लिए एकल खिड़की पोर्टल, “निवेश मित्र” सुविधाओं से सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों को अवगत कराया और उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में आवंटियों और निवेशकों के बीच “निवेश मित्र” के बारे में जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।