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SALUTE: पिता ऑटो ड्राइवर, बेटा बना 12वीं का टॉपर

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डेस्क। अभी कल ही UPSC के नतीजों में तमाम ऐसे नगीने सामने आये थे जो अपने हालातों से न घबराये थे और बखूबी कामयाबी पाये थे। अब उसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की इण्टरमीडियट की परीक्षा में 93.20 प्रतिशत अंक हासिल कर शीर्ष स्थान हासिल कर एक मिसाल कायम करने वाले छात्र आकाश मौर्य की सफलता उनकी मेहनत और उनके पिता व परिवार के जज़्बे के संगम के चलते संभव हो सकी है। क्योंकि आकाश के पिता कुलदीप मौर्य आटो रिक्शा चलाते हैं। छोटी आमदनी के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उनके जज्बे को उनके बेटे ने तो बखूबी सलाम किया है ही हम सबको भी उनके इस जज़्बे को सलाम करना चाहिए।

इस बार परीक्षा में बेहद सख्ती किये जाने को अच्छा बताते हुए आकाश ने कहा कि दो साल पहले हाईस्कूल में कड़ी मेहनत करने के बावजूद उन्हें अपेक्षित अंक नहीं मिले थे। इस बार परीक्षा का माहौल बहुत अच्छा था और इस बार उन्होंने जितनी मेहनत की, परिणाम भी उसी के मुताबिक आया।

जैसा कि हालात थे और परिवार की आर्थिक स्थिति थी उसके मद्देनजर आकाश का ट्यूशन पढ़ना मुमकिन नहीं था, लेकिन धन्य हैं साईं इंटर कॉलेज के वो सभी गुरूजन जिन्होंने आकाश की प्रतिभा को पहचाना और उसकी हर संभव मदद की। जिसका इतना सुखद परिणाम पाकर वह बेहद खुश हैं। आकाश दिन में स्कूल के अलावा छह-सात घंटे घर पर पढ़ाई करते थे।

आकाश के पिता कुलदीप ने बताया कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिये ही वह करीब तीन साल पहले बदोसरांय के पास स्थित अपने गांव मरकामऊ बरदरी को छोड़कर बाराबंकी शहर आये और गरीब तबके के लोगों के लिये बनायी गयी कांशीराम कॉलोनी में किराये पर रहने लगे। परिवार पालने के लिये इन दिनों वह ऑटो रिक्शा चलाते हैं।

आकाश की भविष्य में मैकेनिकल इंजीनियर बनने की ख्वाहिश है जिस पर हालांकि उनके पिता का कहना है कि भले ही इंजीनियरिंग की शिक्षा बहुत महंगी है लेकिन वह किसी भी तरह आकाश के मैकेनिकल इंजीनियर बनने के सपने को पूरा करेंगे। बहरहाल, आकाश के पिता के साथ-साथ उनकी मां फूल केसरी भी अपने बेटे की सफलता पर बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि उनका बेटा हमेशा से बहुत मेहनती रहा है और हमें उम्मीद है कि वह कामयाबी की और बुलंदियां भी छुएगा।

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