नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोर्ट से एक बार फिर अहम कावेरी मामले में कुछ समय की और मांग की है। कोर्ट ने केंद्र से 3 मई तक कावेरी जल बंटवारे की योजना तैयार करने को कहा था लेकिन इस बार भी सरकार अपना मसौदा पेश नहीं कर पाई।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के कर्नाटक में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने के आधार पर कावेरी जल बंटवारे के फैसले पर बोर्ड गठित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा है। कोर्ट ने केंद्र को कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने के अपने आदेश को लागू करने के लिए उठाए गए कदम के बारे में आठ मई को जानकारी देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कर्नाटक से सख्ती से पूछा कि वह यह देखें कि तमिलनाडु को कितना पानी दिया जा सकता है और उससे आठ मई तक इसके बारे में बताने के लिए कहा।
जबकि वहीं एजी ने कहा कि बोर्ड गठित करने पर मसौदा मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया जाना है और उन्होंने कहा कि सुनवाई कर्नाटक चुनाव के एक दिन बाद हो। दूसरी तरफ तमिलनाडु ने केंद्र की कर्नाटक चुनाव की दलील पर कहा कि यह देश में सहकारी संघवाद और कानून के राज का अंत है।
ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट कावेरी को लागू करने के लिए योजना तैयार न करने पर पहले भी केंद्र को फटकार लगा चुका है। कोर्ट ने केंद्र से 3 मई तक कावेरी जल बंटवारे की योजना तैयार करने को कहा था लेकिन इस बार भी सरकार अपना मसौदा पेश नहीं कर पाई।