नई दिल्ली। आज जब लोग और देश के तमाम नेता रेप जैसी घटनाओं पर महज कैंडिल मार्च और बड़ी-बड़ी बातें करने में लगे रहते हैं और फिर कुछ ही वक्त में सब भूल जाते हैं। ऐसे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू द्वारा पेश की गई एक मिसाल वाकई अपने आप में न सिर्फ है बेमिसाल बल्कि औरों के लिए एक प्रेरणा भी है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राजनीति से ऊपर उठ एक ऐसा मानवीय कदम उठाकर सभी राजनीतिज्ञों के लिए एक मिसाल पेश की। दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि वे रेप की शिकार 9 साल की बच्ची के अभिभावक बनेंगे और उसकी शिक्षा संबंधित जितना खर्चा आएगा वे ही उठाएंगे।
इतना ही नही नायडू ने कहा कि वे अपने निजी पैसों से बच्ची की पढ़ाई का तब तक खर्चा उठाएंगे जब तक लड़की अपना लक्ष्य हासिल न कर ले और अपने पैरों पर खड़ी न हो जाए। उन्होंने कहा कि बच्ची के माता-पिता अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे लेकिन एक अभिभावक बन मैं पीड़िता को उच्च शिक्षा दिलाने की कोशिश करूंगा।
इसके साथ ही नायडू ने जिलाधिकारी से बच्ची के लिए सबसे अच्छे स्कूल के बारे में जानकारी मांगी है जहां उसका भविष्य संवर सके। इस दौरान सीएम ने कहा कि इस तरह के अपराध के लिए माफी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे घिनौने कृत्य करने वालों के राज्य में कोई जगह नहीं है। यहां इंसानों को इंसान की तरह रहना होगा जानवरों की तरह नहीं।
ज्ञात हो कि इससे पहले राज्य सरकार ने पीड़िता के परिवार को बतौर मुआवजा 5 लाख देने का ऐलान किया था। वहीं मुआवजे की रकम के अलावा बच्ची के नाम 5 लाख रुपए एफडी किए जाएंगे। पीड़िता के परिवार को खेती के लिए 2 एकड़ की जमीन के अलावा उसके पिता को नौकरी और घर दिया जाएगा। बीते बुधवार को गुंटुर जिले के डेचापल्ली में 50 साल के एक रिक्शाचालक ने नौ वर्षीय बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया। लोगों के रोष को देखते हुए आरोपी ने खुदकुशी कर ली।