Monday , April 22 2024
Breaking News

कठुआ केस: SC ने पठानकोट कोर्ट में भेजा, CBI जांच की मांग को किया खारिज

Share this

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर सरकार के विरोध को दरकिनार करते हुए कठुआ में आठ वर्षीय बच्ची से गैंगरेप और उसकी हत्या की सनसनीखेज घटना से संबंधित मुकद्दमा आज पंजाब की पठानकोट की अदालत में स्थनांतरित कर दिया। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य की जांच पर भरोसा करते हुए इस केस की सीबीआई जांच की मांग खारिज कर दी है।

गौरतलब है कि कोर्ट ने इसके साथ ही इस मुकद्दमे की सुनवाई पर लगी रोक हटा दी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मुकद्दमे की सुनवाई अदालत के बंद कमरे में तेजी से की जाए और किसी विलंब से बचने के लिए इसकी सुनवाई दैनिक आधार पर की जाएगी। पीठ ने इस मामले में उर्दू में दर्ज बयानों का अंग्रेजी में अनुवाद कराने का भी निर्देश दिया है।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कठुआ मामले पर सुनवाई के दौरान केस को किसी अन्य राज्य में ट्रांसफर किए जाने का विरोध किया था। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि वह राज्य में ही केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए पूरी तरह तैयार है। साथ ही पीड़िता के पिता ने केस की सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी। दूसरी ओर आरोपियों ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की अपील की है।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने 26 अप्रैल को मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान बेंच ने कहा था कि अगर उन्हें कहीं भी ऐसा लगा कि मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो रही है तो वो केस को ट्रांसफर करने में देर नहीं लगाएगी। उसके बाद कोर्ट ने 7 मई तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया था।

उल्लेखनीय है कि कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। जिसके बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी थी। अपराध शाखा ने विशेष जांच दल गठित किया जिसने दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कॉन्स्टेबल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।

हालांकि कठुआ मामले के दो मुख्य आरोपियों ने 4 मई को उच्चतम न्यायालय से मामले की सीबीआई से जांच करने का आग्रह किया था। आरोपियों ने मुकदमे को चंडीगढ़ ट्रांसफर किए जाने की याचिका का भी विरोध किया था। उन्होंने दलील दी है कि मामले में 221 गवाह हैं और चंडीगढ़ जाकर अदालती कार्यवाही में शामिल होना उनके लिए मुश्किल होगा। आरोपियों का कहना है कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है।

 

Share this
Translate »