लखनऊ। प्रदेश में जहां वैसे ही लड़कियों और महिलाओं की जिन्दगी शोहदों और विक्षिप्त मानसिकता वाले दरिंदों के चलते नारकीय हो चुकी है उस पर अगर सत्तारूढ़ दल के लोग और उनके परिवारीजन ही इस तरह के अपराधों में लिप्त होने लगें तो स्थिति अत्यंत ही दयनीय हो जाती है। ऐसा ही एक मामला प्रदेश के बागपत जिले में सामने आया है जहां BJP के जिलाध्यक्ष के पुत्र द्वारा एक लड़की को प्रताड़ित किया जा रहा है और पुलिस रसूख के चलते हाथ डालने में कतरा रही है।
गौरतलब है कि ताजा मामला मामला बागपत के छपरौली गांव का है। यहां के बीजेपी जिलाध्यक्ष का बेटा लगातार एक छात्रा को तंग कर रहा है। उसने छात्रा का जीना इस कदर दुश्वार कर दिया है कि छात्रा ने स्कूल तक जाना छोड़ दिया है। दरअसल बागपत में संजय खोखर भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि जिलाध्यक्ष का बेटा अक्षय उनके घर पर लगातार आई लव यू लिखी पर्चियां फेंक रहा है। परिजन जब इसका विरोध करते हैं तो जिलाध्यक्ष का बेटा मारपीट पर उतारू हो जाता है।
इतना ही नही बेलगाम बेटे ने छात्रा का जीना इस कदर दुश्वार कर दिया है कि वो ना घर से बाहर निकल सकती है और न ही भाजपा के बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ के सपने को साकार कर सकती है और अब आरोपी के डर से पढ़ाई भी छोड़ दी है। परिवार का कहना है कि यदि यही हालात रहे तो वह पलायन कर जाएंगे। हालांकि मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने आरोपी पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया है। लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है।
इसी प्रकार से यूपी के शाहजहांपुर जिले एक युवती ने बीजेपी विधायक के बेटे पर रेप करने का आरोप लगाने के बाद फिर धमकी मिली है। पीड़िता के वकील अवधेश सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। पीड़िता के वकील ने कहा कि कुछ गुंडे घर पर आए और उन्होंने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी है
पीड़ित युवती शाहजहांपुर के कलक्ट्रेट परिसर में आरोपी बीजेपी विधायक के बेटे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठी हैं।ज्ञात हो कि युवती का आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद भी आरोपी के खिलाफ सत्ता के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की है। अधिकारियों के आश्वासन के बाद युवती ने धरना खत्म कर दिया। इस दौरान उसने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि आरोपी भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह 11 मई को कलेक्ट्रेट में आत्मदाह करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेगी।
जाहिर सी बात है कि पुलिस रसूखदार और वो भी सत्ताधारी दल का हो तो कारवाई करने में घबराती और कतराती है। वहीं जब कोई घटना गले की फांस बन जाती है तो खुद ही फंस के रह जाती है और उसका बखूबी खामियाजा भी उठाती है। हाल का उन्नाव गैंगरेप कांड इसकी ताजा मिसाल है बावजूद इसके अब भी ऐसा हाल है तो वाकई कमाल है।