लखनऊ। वैसे तो हम-आप और लगभग अधिकांश लोग पुलिस का एक डरावना और आलोचना किये जाने वाला चेहरा ही ज्यादा देखते हैं लेकिन ऐसा नही है पुलिस विभाग में तमाम ऐसे नगीने हैं जो न सिर्फ कर्तव्यपरायण, ईमानदार और बेहद ही संवेदनशील भी हैं जिनके काम को देख न सिर्फ लोगों के दिलों से वाह निकलती है बल्कि उनके लिए भरपूर दुआ भी निकलती है। ऐसा ही कुछ बेमिसाल काम अलीगढ़ पुलिस और उनके अधिकारी ने किया है जिससे न सिर्फ पुलिस विभाग का सिर गर्व से ऊंचा हुआ बल्कि लोगों के दिलों से उनके लिए वाह और दुआ दोनों ही निकल रही है।
गौरतलब है कि चोरी के एक मामले में खुलासे के सात महीने बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन ने बुधवार को एक लाख रुपये का इनाम पुलिस अधीक्षक सुशील घुले को दिया। सपा नेताओं संग सुमन एसपी आफिस पहुंच उन्होंने पुलिस अधीक्षक और उनकी टीम का सम्मान किया। पुरुस्कार के रुप में मिले एक लाख रुपये तुरन्त ही एसपी ने अनाथ बच्चों की संस्था मातृ छाया केन्द्र को देने इच्छा जाहिर की।
दरअसल सादाबाद क्षेत्र के गांव बहरदोई में रामजी लाल सुमन के घर में अक्टूबर 2017 में चोरी हुई थी। घर में रखे 18 लाख रुपये चोर पार करके ले गये थे। सादाबाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस टीम ने करीब दस दिन के अंदर ही चोरी का खुलासा ही नहीं किया बल्कि मुकदमे में दर्ज 15 लाख रुपये की बजाय 18 लाख रुपये बरामद किये थे। इस चोरी में पूर्व मंत्री के गांव के ही पांच लोग निकले। चार लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है। एक आरोपी आज भी फरार है।
जिससे खुश होकर बुधवार को रामजी लाल सुमन, पूर्व विधायक देवेन्द्र अग्रवाल अपने काफी कार्यकर्ताओं के साथ एसपी आफिस पहुंचे। वहां उन्होंने एसपी और एसओजी टीम का स्वागत किया। नगद पुरुस्कार के रुप में एक लाख रुपये का इनाम दिया,लेकिन एसपी ने यह राशि अपनी टीम में बांटने की बजाय उसे माृत छाया केन्द्र हाथरस के अनाथ आश्रम में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा के लिए दान कर दी।
वैसे तो अक्सर पुलिस प्रशासन और अफसरों की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी की खबरे सामने आती हैं। लेकिन इस मामले में न सिर्फ पुलिस अधिकारी ने केस सुलझाया बल्कि ईनाम में मिले पैसों को अनाथ बच्चों को दान करके मिसाल भी पेश की है। ऐसा नही पूर्व में यहां पुलिस अधीक्षक और उनकी टीम द्वारा त्योहारों पर भी इन अनाथ बच्चों के साथ खुशियो और उपहार बांटा जाना बेहद सराहनीय तथा औरों के लिए प्रेरणा देने वाला है क्योंकि इस प्रकार से अधिकारी अगर इन अनाथालयों में जायेगें तो तय है कि वहां के अनाथ बच्चे अपने हक की सुविधायें बखूबी पायेंगे।