नई दिल्ली। कर्नाटक में आज उस वक्त सियासी पारा कुछ ज्यादा ही चढ़ गया जब कांग्रेस के नेता चुनाव आयोग के पास एक भाजपा उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग को लेकर पहुच गये दरअसल उक्त भाजपा उम्मीदवार पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगा है।
गौरतलब है कि देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के एक रिश्तेदार को श्रीरामुलू द्वारा कथित तौर पर घूस देने की कोशिश करने से संबंधी एक वीडियो सोशल मीडिया में कल वायरल होने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और रणदीप सुरजेवाला ने आयोग से इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उपयुक्त कार्रवाई करने की मांग की।
वहीं सिब्बल ने पार्टी की तरफ से आयोग के समक्ष इस मामले में याचिका दर्ज करने के बाद संवाददताओं को बताया ‘‘हमने आयोग से कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में दो सीटों से चुनाव लड़ रहे श्रीरामुलू की उम्मीदवारी रद्द कर चुनाव लडऩे से अयोग्य ठहराने की मांग की है।’’
उन्होंने बताया कि मीडिया में इस मामले का प्रकाशन और प्रसारण रोकने के लिए कल कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश को भी रद्द करने की आयोग से मांग की है। जिससे मीडिया निष्पक्षता और निर्भीकता से अपना काम कर सके।
इतना ही नही सिब्बल ने ये भी बताया कि कर्नाटक चुनाव में सोशल मीडिया के मार्फत नफरत फैलाने वाली मुहिम चलाई जा रही है। इसमें कांग्रेस और पाकिस्तान के झंडे एक साथ दिखाये जा रहे है। सिब्बल ने कल होने वाले मतदान में अब सिर्फ एक दिन शेष होने का हवाला देते हुये आयोग से इस तरह के अभियान पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अगर इस दिशा में आयोग द्वारा तत्काल कारगर पहल नहीं की गयी तो समूची निर्वाचन प्रक्रिया की निष्पक्षता संदेह के घेरे में आ जायेगी। सुरजेवाला ने कहा कि कल जारी हुये वीडियो से एक बार फिर साफ हो गया कि कर्नाटक की पूर्व येदुरप्पा सरकार के कार्यकाल में 35000 करोड़ रुपए का खनन घोटाला हुआ।
उन्होंने कहा ‘‘तथ्यों और सबूतों से पता चला है कि इस मामले में भाजपा नेताओं श्रीरामुलू और रेड्डी की संलिप्तता को देखते हुए इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत तत्काल मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए।’’
ज्ञात हो कि इस सिलसिले में जारी दो वीडियो में साल 2010 में भाजपा नेता श्रीरामुलू और जनार्दन रेड्डी पूर्व सीजेआई के रिश्तेदार को घूस की रकम के लेन देन के बारे में बातचीत करते दिखाए गए हैं। वैसे इस वीडियो का प्रसारण कल कर्नाटक के एक स्थानीय चैनल पर भी किया गया । जिस पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उक्त चैनल को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया।