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आवारा कुत्तों पर जल्द काबू पाया जाये, पीड़ित परिवार को 10 लाख की मदद दी जाये: अखिलेश

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लखनऊ। प्रदेश में जारी आदमखोर कुत्तों के कहर पर आज समाजवादी पार्टी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार आदमखोर कुत्तों को पकड़ने या पहचान करने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। सरकार की निष्क्रियता और अकर्मण्यता का इससे बड़ा और निंदनीय प्रमाण और क्या हो सकता हैं?  साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आवारा कुत्तों पर नियंत्रण करने के अलावा मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रूपए की मदद देने की मांग की है।

गौरतलब है कि आज जारी एक बयान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में पिछले कई दिनों से आवारा आदमखोर कुत्तों का आतंक है। अब तक कितने ही  लोग इनके शिकार हो चुके हैं और एक दर्जन से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। हद ये है कि मुख्यमंत्री जी सीतापुर जाकर भी लौट आए लेकिन आवारा कुत्तों की पकड़ तक नहीं हो पाई है। भाजपा सरकार की भूमिका में अब दिन प्रतिदिन गिरावट आती जा रही है। उससे किसी भी स्थिति पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाने की अपेक्षा करना अपने को धोखा देना हैं।

उन्होंने कहा कि इतना होने पर भी सत्तारूढ़ भाजपा सरकार संवेदनाशून्य है। मुख्यमंत्री को मासूमों की मौत की चिंता नहीं है। राज्य का यह भी डरावना पक्ष है कि बच्चियां तक घर से बाहर निकलने से पहले सौ बार सोचती है। उन्होंने आज की घटना का हवाला देते हुए कहा कि सीतापुर के खैराबाद क्षेत्र के महेशपुर चिलवारा गांव में आज भी एक 10 वर्षीय बच्ची को आवारा कुत्तों ने नोंच डाला। इससे पूर्व दर्जन भर बच्चों की मौत कुत्तों के हमलों से हुई हैं। फर्रूखाबाद के थाना जहानगंज में और मेरठ में भी कुत्तों का आतंक है। जिन घरों में मौत का तांडव हो चुका है वहां मर्मभेदी चीखें ही सन्नाटा तोड़ती हैं।

उन्होंने कहा कि हद तो ये है कि राज्य सरकार आदमखोर कुत्तों को पकड़ने या पहचान करने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। सरकार की निष्क्रियता और अकर्मण्यता का इससे बड़ा और निंदनीय प्रमाण और क्या हो सकता हैं? बड़ी-बड़ी बातें करने और झूठे वादे करने में भाजपा का कोई जवाब नहीं। इनको पूरा एक साल प्रदेश की सत्ता में आए हो गया पर अभी तक सरकार ने एक भी कदम जनहित में नहीं उठाया।  कानून व्यवस्था सुधरने के बजाय ही गई है। किसानों, नौजवानों, अल्पसंख्यकों से किए गए उनके सभी वादे सिर्फ वादे ही रह गए है। भाजपा नेता अब तक श्री अखिलेश यादव की सरकार के कामों पर ही मुहर लगाते रहे हैं।

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