बेंगलुरू। तमाम विरोधों और अवरोधों के अग्निपथ के बीच फिलहाल आज गुरुवार सुबह 9 बजे भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। हालांकि अब उन्हें कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय मिला है। येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण से जहां भाजपा खेमे में खुशी की लहर है, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यही नहीं राज्यपाल के फैसले को अब पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
गौरतलब है कि हाल फिलहाल भाजपा के पास अभी 104 विधायक हैं जिसके चलते सबसे अहम सवाल ये है कि इस संख्या को 112 तक कैसे पहुंचाया जा सकेगा। वहीं जब इस बाबत शपथ ग्रहण के बाद जब येदियुरप्पा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, कल-परसो तक का इंतजार कीजिए। उन्होंने दावा किया कि वे राज्यपास द्वारा दी गई 15 दिन की मियाद से पहले ही बहुमत हासिल कर लेंगे और पूरे पांच साल सरकार चलाएंगे।
येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विट किया कि कर्नाटक में भाजपा के पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है, फिर भी वह सरकार बनाने की कोशिश कर रहे है। यह संविधान का मजाक है। आज सुबह भाजपा चाहे जश्न मना ले, लेकिन देश संविधान की हार का शौक मनाएगा।
वहीं राहुल के ट्वीट का रीट्वीट कर जवब देते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि लगता है कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी पार्टी का इतिहास याद नहीं। कांग्रेस की सीटें घटकर 78 रह गई है और सत्ता के लालच में वह 37 सीटों वाली जेडीएस के साथ हाथ मिलाने को राजी हो गई है। जिस पल कांग्रेस ने यह फैसला किया, लोकतंत्र की हत्या तो उसी पल हो गई थी।
इस बीच, कांग्रेस के चार विधायक लापता बताए जा रहे हैं। टीवी चैलनों के मुताबिक, ये विधायक बैठक में नहीं पहुंचे थे और रिसोर्ट में भी नहीं थे। हालांकि मैंगलुरू से गुरुवार को विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक खाडेर का कहना है कि सभी विधायक साथ हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि मामला कोर्ट में लंबित है। हम जनता के बीच जाएंगे और बताएंगे कि किस तरह भाजपा असंवैधानिक काम कर रही है।
वहीं भाजपा नेता अनंत कुमार का कहना है कि कांग्रेस नेताओं का विरोध प्रदर्शन करना है तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और सिद्धारमैया के खिलाफ करना चाहिए, जिनके कारण कांग्रेस हारी है। इससे पहले कर्नाटक में राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया तो कांग्रेस भड़क गई और उसने जेडीएस के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। बुधवार देर रात करीब 1.30 बजे सुनवाई शुरू हुई और सुबह 4.30 बजे तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया।
सर्वोच्च अदालत ने भाजपा के सीएम प्रत्याशी बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। हालांकि गुरुवार दोपहर दो बजे तक विधायकों की लिस्ट जरूर मांगी है। अगली सुनवाई शुक्रवार सुबह होगी।
गौरतलब है कि विधानसभा की कुल 224 में से 222 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, सहयोगी बसपा के साथ जदएस को 38 और अन्य को दो सीटें मिली हैं। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े के सबसे करीब भाजपा ही रही।