लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंग में शहीद हुए जवानों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दोनों शहीदों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवारों में से एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में रविवार को नक्सलियों की बारूदी सुरंग से गाजीपुर का अर्जुन राजभर और वाराणसी निवासी रविनाथ सिंह पटेल शहीद हो गए थे। शहीद जवान सशस्त्र पुलिस बल में 16 बटालियन में तैनात थे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के किरन्दुल-चोलनार मार्ग पर चल रहे सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तथा संबंधित विभाग के कर्मचारियों को सुरक्षा देने के लिए किरन्दुल थाने से गाजीपुर(उत्तर प्रदेश) के बरईपारा गांव निवासी अर्जुन राजभर तड़के करीब 3 बजे पुलिस की जीप के साथ गए थे।
इसी बीच जब पुलिस जीप थाने से कुछ ही दूर पहुंची थी कि रास्ते में पुलिया पर नक्सलियों ने जीप को बारुदी सुरंग से उड़ा दी जिसमें 5 जवान तो मौके पर ही मारे गए जबकि अर्जुन तथा एक अन्य घायल हो गए थे। उन्हें बचेली के अपोलो अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां एक जवान ने दम तोड़ दिया। अर्जुन की गंभीर स्थिति को देखते हुए रायपुर रेफर किया गया लेकिन वह भी नहीं बचे।
वहीं अर्जुन की शहादत की खबर मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया तथा पूरा गांव शोक में डूब गया। गांव के बलिराम राजभर के कुल 5 बेटों में अर्जुन चौथे नंबर का था। वह छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल में वर्ष 2014 में भर्ती हुआ था। वह वर्तमान में 16वीं बटालियन में था। उनकी शादी इसी क्षेत्र के पथरा गांव में सुनीता से हुई थी। उनके 15 वर्षीय एक पुत्री कविता तथा दो पुत्र 12 वर्षीय अभय एवं 10 वर्षीय अजय हैं।
बताया जाता है कि करीब 1 माह पहले वह छुट्टी आए थे। वापस जाते समय पत्नी तथा संतानों को भी साथ ले गए थे। परिवार वालों को पहली सूचना अर्जुन के जख्मी होने की मिली। बाद में मरने की सूचना मिली। उसके बाद एसएचओ शादियाबाद राजाराम शहीद अर्जुन के घर पहुंचे। लौटने के बाद एसएचओ ने बताया कि शहीद का पार्थिव शरीर 21 मई की दोपहर बाद आने की उम्मीद है। उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ही होगा।