लखनऊ। सपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब हाई कोर्ट ने जल निगम भर्ती घोटालें के मामले में होने वाली उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। दरअसल आजम खान के खिलाफ यूपी पुलिस की एसआईटी ने मामला दर्ज किया था। जिस पर गिरफ्तारी से बचने के लिए आजम ने हाईकाेर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए काेर्ट ने एसआईटी के जवाब के बाद याचिका निस्तारित कर दी।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि भर्ती के दौरान नियमों को दरकिनार करते हुए गलत नियुक्तियां की गईं। वहीं, भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा के कार्यकाल में हुई हर सरकारी विभाग की भर्तियों की जांच कराएंगे। जल निगम में हुई भर्तियों की जांच बीते साल एसआईटी को दी गई थी। इन पदों पर हुई थी भर्तियों सहायक अभियंता- 122, अवर अभियंता- 853, नैतिक लिपिक – 335, और आशुलिपिक- 32 है।
हालांकि इस एफआईआर में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आज़म खान के ओएसडी सैययद आफाक अहमद, तत्कालीन नगर विकास सचिव प्रकाश सिंह, जल निगम के प्रबंध निदेशक प्रेम कुमार आसुदानी, मुख्य अभियंता अनिल कुमार खरे के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
ज्ञात हो कि इस मामले में भाजपा सरकार ने पिछले साल जुलाई में जांच शुरू की थी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या नवंबर 2016 और फरवरी 2017 के बीच जल निगम भर्ती में गलत तरीके से लोगों को नौकरियां दी गई थी। इन भर्तियों के समय खान जल निगम के चेयरमैन थे।
वहीं इस मामले में 122 असिस्टेंट इंजीनियर को सरकार पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। इससे पहले 22 सितंबर को एसआईटी का जल निगम के मुख्यालय पर छापा पड़ा था। 5 दिसंबर को तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी से पूछताछ हुई थी। अब तक इस मामले में 8 अफसरों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है।