लखनऊ। बसपा का एक दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन कल प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित है जानकारों के मुताबिक मौजूदा सियासी हालातों में ये अधिवेशन बेहद ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है क्योंकि संभावना जताई जा रही है कि इस अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर न सिर्फ विचार किया जायेगा बल्कि भविष्य की रणनीति भी तय की जायेगी।
गौरतलब है कि बसपा का एक दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन 26 मई को राजधानी लखनऊ में होने जा रहा है। जिसमें आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव और भाजपा तथा मोदी को हराने की कारगर रणनीति पर गंभीरता से विचार किये जाने के साथ ही पार्टी मुखिया मायावती के प्रधानमंत्री पद के दावेदारी को लेकर प्रस्ताव भी पास हो सकता है।
इसके अलावा राष्ट्रीय अधिवेशन में कई अहम फैसले होने की संभावना भी जताई जा रही है। बता दें कि इस समय बसपा सुप्रीमो मायावती, मोदी के खिलाफ मोर्चा खड़ा करने में अहम भूमिका निभा रहीं हैं। जैसा कि बसपा सुप्रीमो पार्टी की पूर्व घोषित नीति से हटकर सांप्रदायिक दलों को सत्ता से बाहर रखने की मुहिम के तहत समाजवादी पार्टी से गठबंधन का पहले ही एलान कर चुकी हैं।
जिसका नतीजा रहा कि उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा का समर्थन किया और सपा की मदद से विधान परिषद में पार्टी का एक प्रत्याशी जितवाया। हालांकि कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर उन्होंने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। इसके अलावा बसपा हरियाणा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी हैं। इतना ही नही बल्कि कर्नाटक में जद-एस से गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ने और भाजपा को सत्ता से बाहर करने में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है।
वहीं अब लोकसभा चुनावों के मद्देनजर तेजी से बदलते सियासी समीकरणों को देखते हुए ही मायावती ने 26 मई को पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन और राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। इसमें पार्टी के सभी राष्ट्रीय पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य, सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य जोन इंचार्ज, जोन इंचार्ज, राज्यसभा सदस्य, सभी पूर्व और वर्तमान विधायक, विधान परिषद सदस्य, मंडल व जोन इंचार्ज, जिलाध्यक्ष तथा बहुजन वालंटियर फोर्स जैसे सभी संगठनों के जिम्मेदार लोग बुलाए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक यह अधिवेशन बसपा के प्रदेश कार्यालय पर 11 बजे से शुरू होगा और इसमें मायावती आगामी लोकसभा चुनाव व पार्टी की आगामी गतिविधियों को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश देंगी। साथ ही सपा के साथ कांग्रेस व रालोद भी गठबंधन का हिस्सा होंगे या नहीं, इसके भी संकेत देंगी। इसके साथ ही दूसरे राज्यों में पार्टी किन-किन दलों से हाथ मिलाने पर विचार कर रही है।