नई दिल्ली। हालांकि बड़े ही अफसोस की बात है कि हॉकी भले ही हमारा राष्ट्रीय खेल रहा हो लेकिन उसके उत्थान के लिए कभी भी किसी सरकार ने बखूबी काम नही किया और तो और इसे विडम्बना ही कहेंगे कि इस खेल के सिरमौर रहे द्ददा ध्यानचंद को आज तक वो स्थान और सम्मान नही मिला जो कि क्रिकेट में आए कल के खिलाड़ियों को मिल चुका है। लेकिन वहीं ये एक अहम और खुशी की बात है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से हॉकी के उत्थान और सम्मान के लिए खत लिखकर आग्रह किया है।
गौरतलब है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से आधिकारिक तौर पर हॉकी को भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है। वैसे अगर देखा जाए तो हॉकी पहले से ही भारत के अनौपचारिक राष्ट्रीय खेल है और ओडिशा नवंबर में विश्व कप की मेजबानी करने के लिए तैयार है, पटनायक ने मोदी से इसे अधिकारिक दर्जा देने का आग्रह किया है।
इतना ही नही पटनायक ने अपने पत्र में लिखा- जैसा कि आप सर जानते हैं, अगले विश्व कप हॉकी इस साल नवंबर में ओडिशा में आयोजित की जाएगी। पटनायक ने आगे अपने पत्र में लिखा- तैयारी की समीक्षा करते समय, मैं यह जानकर आश्चर्यचकित हुआ कि हॉकी राष्ट्रीय खेल के रूप में लोकप्रिय है, लेकिन वास्तव में हमारे राष्ट्रीय खेल के रूप में इसे कभी भी पहचान नहीं मिली।
साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि आप हमारे देश के करोड़ों प्यार करने वाले प्रशंसकों से सहमत होंगे – कि हॉकी वास्तव में हमारे राष्ट्रीय खेल के रूप में पहचान बनने का हकदार है। पटनायक ने कहा- यह महान हॉकी खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा जिन्होंने हमारे देश को गर्व करने का मौका दिया है।
ज्ञात हो कि फरवरी में ओडिशा सरकार ने सहारा को भारतीय हॉकी के आधिकारिक प्रायोजक बनाने की घोषणा की है। हॉकी ऐतिहासिक खेल रहा है जिसने आठ ओलंपिक स्वर्णों के साथ भारत को सबसे अधिक सम्मान दिया है।