मुंबई! देश की सबसे बड़ी कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) बैंकिंग क्षेत्र में उतर सकती है. इसके लिए कंपनी की निगाह आईडीबीआई बैंक की बड़ी हिस्सेदारी पर है.
सूत्रों ने कहा कि बैंक का बही खाता दबाव वाला है, लेकिन इससे एलआईसी को कारोबारी दृष्टि से तालमेल में मदद मिलेगी. आईडीबीआई बैंक पर भारी डूबे कर्ज का बोझ है और सरकार बैंक के पुनरोद्धार का प्रयास कर रही है. संभावना है कि एलआईसी अपने आवास वित्त और म्यूचुअल फंड कारोबार की तरह आईडीबीआई बैंक को भी सहायक इकाई बना ले.
गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर एलआईसी और सरकार की आलोचना हो रही है. एलआईसी के पास 21.71 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्ति है. सूत्रों का कहना है कि एलआईसी द्वारा बहुलांश हिस्सेदारी लेने से दीर्घावधि में दोनों सरकारी वित्तीय कंपनियों को फायदा हो सकता है. हालांकि अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है कि आईडीबीआई बैंक में एलआईसी 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी लेगी.
आईडीबीआई भारी कर्ज में डूबा
आईडीबीआई बैंक एनपीए की समस्या से जूझ रहा है. मार्च तिमाही के अंत तक बैंक का डूबा कर्ज 55,600 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपये रहा. बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपये का है. उसकी रीयल एस्टेट परिसंपत्तियां और निवेश पोर्टफोलियो अनुमानित 20,000 करोड़ रुपये है.