कई बार अचानक ही हाथ या पैर सुन्न पड़ जाते हैं. उनमें अजीब सी झनझनाहट होने लगती है. आमतौर पर ये गंभीर बात नहीं है, पर अगर बार-बार कोई अंग सुन्न हो रहा है या असर देर तक रहता है तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. अकसर एक ही जगह पर या एक ही स्थिति में काफी देर तक बैठे रहने पर अंग सुन्न हो जाते हैं या रात में एक ही अवस्था में सोए रह जाने से अचानक हाथ या पैर में सुन्नपन या अकड़न आ जाती है. सुन्नपन की स्थिति में किसी स्पर्श का एहसास नहीं होता, किसी काम को करना मुश्किल हो जाता है. कभी-कभी दर्द और कमजोरी भी महसूस होती है.
आमतौर पर यह समस्या गंभीर नहीं होती और कुछ मिनटों के बाद खुद से या थोड़ी बहुत मालिश के बाद ठीक भी हो जाती है. पर इसका जल्दी-जल्दी होना या देर तक असर रहना किसी अन्य रोग का लक्षण भी हो सकता है.
अंग के सुन्न होने या झनझनाहट का मुख्य कारण वहां रक्त संचार की कमी है. जब शरीर के किसी भी अंग में अधिक समय तक दबाव होता है या रक्त संचार ढंग से नहीं होता तो शरीर की नसों पर असर पड़ने लगता है. इससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त संचार नहीं हो पाता है, जिससे उन अंगों में झनझनाहट होने लगती है या वे सुन्न हो जाते हैं.
सुन्नपन के कई कारण हो सकते हैं. गुलियन बैरे सिंड्रोम, एक ऐसा ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम ही नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है. हाथ-पैर की उंगली व जोड़ सुन्न पड़ने के साथ उनमें सुई सी चुभन होती है. ये समस्या कई बार श्वसन रोगों का रूप भी ले लेती है. पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (पीवीडी) में भी अंग सुन्न होने का लक्षण देखा जाता है. इसके लिए डॉक्टर से जरूर मिलें.
आमतौर पर इसके दो प्रमुख कारण हैं….
कार्पल टनल सिंड्रोम- लंबे समय से हाथ की उंगलियों और कलाई में झनझनाहट हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें. यह कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है. इसमें कलाई के मध्य की नस दब जाती है, जो हाथ और बाजू तक जाती है. इसमें मध्यमा, तर्जनी उंगली व अंगूठे में ज्यादा झनझनाहट होती है. शुरुआती स्तर पर ध्यान देने से यह जल्द ही ठीक हो जाता है. काम के बीच में कलाई व उंगलियों को आराम देना, कलाइयों को घड़ी की दिशा या घड़ी से विपरीत दिशा में घुमाने के व्यायाम करना आराम पहुंचाता है. पर दर्द बढ़ने पर फिजियोथेरेपी व दवाओं से आराम मिलता है.
पोषक तत्वों की कमी- विटामिन बी-12, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम की शरीर में कमी होने पर हाथ व पैर सुन्न पड़ने लगते हैं. ऐसे में थकावट व आलस का एहसास भी लगातार होता है. खान-पान में इन सभी तत्वों को शामिल कर, इनकी कमी दूर की जा सकती है. पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कई बार चिकित्सक सप्लीमेंट की सलाह भी देते हैं.