नई दिल्ली। देश में सर्जिकल स्ट्राईक को लेकर जारी घमासान के बीच हमारी जांबाज सेना ने एक और जबर्दस्त सर्जिकल स्ट्राईक को अंजाम देते हुए आतंकियों को उनके ही घर में घुसकर कर तकरीबन आधा दर्जन आतंकियों को ढेर कर दिया।
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने एक बार फिर से घर में घुसकर वार किया है। इस बार उसने म्यांमार में जाकर आतंकी संगठन एनएससीएन-के (नेशनल सोशलिस्ट कौंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग) की चेकपोस्ट पर हमला किया है। 12 पैरा कमांडो की इस कार्रवाई में चार से पांच आतंकियों के मारे जाने की खबर है।
बेहद अहम और खुशी की बात है कि कमांडो की टीम सुरक्षित भारतीय सीमा में लौट आई है। एनएससीएन-के ने कार्रवाई की पुष्टि की है। हालांकि भारतीय सेना की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले जून 2015 में भारतीय सेना ने म्यांमार सीमा पार करके एनएससीएन पर कार्रवाई की थी और डेढ़ सौ से ज्यादा आतंकी मारे थे।
ज्ञात हो कि सितंबर 2016 में सेना ने पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सेना की ओर से बताया गया है कि ताजा कार्रवाई बुधवार को हुई। इसमें म्यांमार सीमा के भीतर आतंकी संगठन के श्वेलो कैंप को निशाना बनाया गया। यह कैंप म्यांमार के तीन किलोमीटर भीतर स्थित है।
बताया जाता है कि कमांडो और आतंकियों का आमना-सामना होने पर वहां करीब आधा घंटे तक फायरिग हुई। इसमें चार-पांच आतंकी मारे गए और कई अन्य घायल हुए। दोपहर दो बजे शुरू हुई कार्रवाई करीब दो घंटे चली।
हालांकि कार्रवाई में कमांडो की ओर से राइफल के अतिरिक्त रॉकेट लांचर, मोर्टार और ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर का इस्तेमाल किया गया। म्यांमार के जिस इलाके में कार्रवाई हुई, वह नगालैंड के मोन जिले के नजदीक है।
दरअसल हाल ही में बीते 18 जून को मोन जिले में आतंकियों के लगाकर हमले में असम राइफल्स के तीन जवान शहीद हो गए थे जबकि तीन अन्य घायल हुए थे। बुधवार की कार्रवाई को आतंकियों के उक्त हमले का जवाब माना जा रहा है।
वैसे एनएससीएन-के के स्वयंभू उप मंत्री कर्नल इसाक सुमी ने भारतीय सेना की म्यांमार में की गई कार्रवाई की पुष्टि की है। कहा है कि सैन्य टुकड़ी जैसे ही एनएससीएन के की फारवर्ड पोस्ट के करीब पहुंची, उसे देख लिया गया। इसके बाद दोनों तरफ से फायरिग हुई। सुमी ने कार्रवाई में अपने किसी साथी के मारे जाने की पुष्टि नहीं की है।