लखनऊ। वर्ष 1984 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने आज राजीव कुमार की जगह यूपी के नए मुख्य सचिव का कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे पास सूबे में बहुत अच्छे IAS की टीम है हम उसका पूरी तरह से इस्तेमाल करेंगे। हमारी प्राथमिकता होगी कि सरकार के घोषणा पत्र में जो भी बातें कही गई हैं उन पर काम किया जाए।
उन्होंने इसके साथ ही ये भी कहा कि मुख्य सचिव राजीव कुमार ने जो कामो को किया है मैं उनको आगे बढ़ाने का काम करूंगा। जैसा कि इन्वेस्टर मीट हम लोगों ने सफल आयोजन किया उत्तर प्रदेश में नए रोजगार के अवसर आए हैं। इसके लिए भी हम लोग लगातार प्रयास करेंगे साथ ही किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भी हम लोग प्रयास करेंगे। ज्यादा से ज्यादा निवेश उत्तर प्रदेश में आए इसके लिए पहले से काम किया जा रहा है।
इसके साथ ही गन्ना किसानों का अधिक से अधिक भुगतान हो और उनका उचित मूल्य मिल सके उसका आप ही प्रयास किया जाएगा।अधिकारी और कर्मचारियों को साथ लेकर चला जाएगा और जो भी समस्याएं कर्मचारियों की आएगी उनको दूर करने का प्रयास किया जाएगा।। उनका moral हाई रहे इसका भी प्रयास करेंगे।।
गौरतलब है कि नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने उनकी नियुक्ति के आदेश बुधवार की शाम को जारी कर दिए हैं। दूसरी ओर वर्तमान मुख्य सचिव राजीव कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की बैठक में विदाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसी न किसी रूप में उनकी सेवाएं लेती रहेगी।
सूत्रों के अनुसार अब उनको मुख्य सलाहकार या रेरा का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि यह उनके ऊपर निर्भर करेगा कि वे लखनऊ में रहना पसंद करेंगे या दिल्ली में,क्योंकि उनका नाम यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली) के सदस्य के लिए भी चल रहा है।
ज्ञात हो कि इवेस्टर्स समिट को सफलता पूर्वक कराने में उनकी विशेष भूमिका रही थी। बड़े पैमाने पर निवेश के अवसर पैदा किए गए और उद्योगपतियों को सहूलितयें दी गईं। माना जा रहा है कि उनकी अच्छी कार्यशैली को देखते हुए ही यह फैसला किया गया है।
जबकि वहीं डॉ. अनूप चंद्र पांडेय अपने दर्जन भर से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए मुख्य सचिव बने हैं। साफ सुथरी छवि, शांत स्वभाव और मृदुभाषी डा. पांडेय चंडीगढ़ पंजाब के मूल निवासी हैं। वे फरवरी, 2019 में रिटायर होंगे। उन्होंने बीई मैकेनिकल, एमबीए और पीएचडी तक शिक्षा ग्रहण की है। वे पूर्व में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह के सूचना निदेशक के अलावा प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। केंद्र सरकार में भी प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं।