2019 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दे दिया है. केंद्र ने धान के समर्थम मूल्य में 200 रुपये का इजाफा कर दिया है. आज कैबिनेट बैठक में सरकार ने खरीफ फसल की MSP बढ़ाने का फैसला लिया है.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसानों को अब खरीफ की फसल का डेढ़ गुना एमएसपी किया गया है. राजनाथ ने कहा कि किसानों को फसल की सही कीमत मिलेगी. अब किसानों को धान की फसल पर एमएसपी 1750 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. पिछले साल यह 1550 रुपये थी. बाजरे की लागत पहले 990 रुपये होती थी. लेकिन इसे अब 1950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.
कैबिनेट मीटिंग की जानकारी देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज ऐतिहासिक फैसला हुआ है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के किसानों को बड़ी सौगात दी है. किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने खरीफ की सभी 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है.
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस फैसले को केंद्र सरकार के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.
सरकार ने धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. इससे पहले किसानों को धान के लिए 1550 रुपए मिलते थे, लेकिन अब इसी के लिए उन्हें 1750 रुपए दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार के फैसले के बाद-फसल पुरानी कीमत नई कीमत
धान- 1550 1750
मूंग- 5575 6975
उड़द- 5400 5600
राजनाथ ने कहा कि देश के तकरीबन 12 करोड़ किसानों को इससे सीधा फायदा पहुंचेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल सामान्य ग्रेड के धान की एमएसपी 1,550 रुपये प्रति क्विंटल थी. इसके पहले धान की एमएसपी में एक साल में रिकॉर्ड बढ़त 155 रुपये प्रति क्विंटल की एक दशक पहलेसाल 2008-09 में यूपीए सरकार द्वारा की गई थी. यानी मोदी सरकार के द्वारा की जाने वाली बढ़ोतरी अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी.
खरीफ की फसल में धान और रागी की फसल सबसे अहम है, जिसमें रागी का एमएसपी 900 रुपए से 2700 रुपए प्रति क्विटंल तक की बढ़ोतरी हो सकती है, वहीं धान में भी दो सौ रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है.
पीएम मोदी ने मंगलवार को ही कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और नीति आयोग के सदस्यों से मुलाकात की. जिसके बाद 2018-19 के लिए नए एमएसपी का ऐलान होगा. पीएम मोदी का लक्ष्य है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाए. आपको बता दें कि हाल ही में एक मैग्ज़ीन को दिए गए इंटरव्यू में पीएम ने इसके संकेत भी दिए थे.
गौरतलब है कि मोदी सरकार का ये फैसला सीधे तौर पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई प्रदेशों में सीधा असर दिखाएगा, इन राज्यों में किसानों की संख्या अधिक है और लोकसभा सीटों की भी.