नई दिल्ली। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म व्हाट्सऐप का जारी गलत इस्तेमाल और इसके चलते होने वाली तमाम घटनाओं के मददेनजर अब फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वहाट्सऐप फेक न्यूज और अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए जहां न सिर्फ एक्सपर्टस की मदद लेगी बल्कि साथ ही इसके लिए बखूबी इनाम भी देगी।
गौरतलब है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने कहा कि फेक न्यूज और अफवाह फैलाने वाली खबरों पर एक्सपर्ट रिसर्च करें। इसके लिए उन्हें 34 लाख रुपए दिए जाएंगे। कंपनी ने बुधवार को इस मामले में रिसर्च करने वाले एक्सपर्ट के लिए ग्लोबल अवॉर्ड का ऐलान किया है।
दरअसल मैसेजिंग ऐप पर लगातार फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर केंद्र सरकार ने चेतावनी देते हुए नए निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने व्हाट्सएप से फेक मैसेज को चेक करने को कहा है साथ ही इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए भी कहा है।
वहीं सरकार के इस फैसले के बाद व्हाट्सएप ने फेक न्यूज का पता लगाने के लिए बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने बताया हम अपने यूजर्स की सुरक्षा के प्रति बेहद गंभीर हैं। ऐसे में हम इस नए प्रोजेक्ट के जरिए भारत के बड़े शैक्षिक जानकारों को साथ जोड़ने के लिए तैयार हैं।
इस बाबत उनका कहना है कि दरअसल हमारा मुख्य उद्देश्य ये पता लगाना है कि आखिर कैसे गलत जानकारी को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए फैलाया जाता है। इस रिसर्च की मदद से हम लोगों को फेक न्यूज को पहचानने और गलत जानकारी को रोकने की कोशिश करेंगे, जिससे वो फेक न्यूज को आगे बढ़ने से रोकें।
वहीं जबकि जानकारों की मानें तो सोशल मीडिया के प्लेटफार्म व्हाट्सएप को मॉब लिंचिंग जैसे क्रूर कृत्यों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। क्योंकि इसके पीछे तमाम अन्य तत्व भी काम करते हैं हालांकि इतना जरूर है कि इसके जरिये भारत में नकली खबरों को फैलाना आसान हो गया है।
वहीं जैसा कि कंपनी का मानना है कि फिलहाल भारत, ब्राजील, इंडोनेशिया, मेक्सिको और इसी तरह उन देशों में किए गए शोध को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां व्हाट्सएप संचार का एक प्रमुख माध्यम है। वैसे तो इसके लिए पीएचडी धारक शोधकर्ताओं के आवेदन को व्हाट्सएप स्वीकार करेगा।
लेकिन इसके साथ ही कुछ असाधारण मामलों में यह बिना पीएचडी वाले व्यक्तियों के आवेदनों की समीक्षा भी करेगा, जो सामाजिक विज्ञान या तकनीकी अनुसंधान में उच्च स्तर की उपलब्धि रखते होंगे।
बताया जाता है कि आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 12 अगस्त 2018 है। व्हाट्सएप पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को 14 सितंबर 2018 तक ईमेल द्वारा उनके आवेदन की स्थिति पर सूचना देगा। अधिक जानकारी के लिए, आवेदक व्हाट्सएप ब्लॉग पर जा सकते हैं। इसके बाद दो वर्कशॉप की जाएंगी, जिसमें चयनित लोगों को बताया जाएगा कि व्हाट्सएप काम कैसे करता है और उसका फोकस एरिया क्या है।
बेहद अहम और गंभीर बात है कि व्हाट्सऐप के भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। बीते दिनों इस ऐप के जरिये फैली फर्जी खबरों की वजह से कई लोगों की हत्या हो चुकी है। ऐसे में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को व्हाट्सएप से अपने मंच पर झूठी खबरें और कभी-कभी किसी खास मकसद के लिए प्रेरित व सनसनीखेज संदेशों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए जरूरी उपाय करने को कहा था।
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाट्सएप और फेसबुक पर तेजी से वायरल हो रहे मैसेज के कारण पिछले दो हफ्तों में लगभग 27 लोगों की जान गई है। ये हत्याएं अलग-अलग राज्यों में हुई हैं। व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने के बाद भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को निशाना बनाए जाने का पहला मामला झारखंड में आया था। मई 2017 में बच्चा चोरी की आशंका में सात लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतकों में दो भाई भी थे।