मलोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज फिर कांग्रेस पर जबर्दस्त हमला बोलते हुए उसे पूरी तरह से किसान विरोधी करार दिया और कहा कि कांग्रेस ने किसान समुदाय को धोखा दिया और वोट बैंक के तौर पर उनका इस्तेमाल किया है ताकि ‘‘एक खास परिवार’’ के हित पूरे हो सकें।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकारों की नीतियों के कारण किसान कड़ी मेहनत के बावजूद सुकून की जिंदगी के बारे में नहीं सोच सके और उन्हें दशकों तक निराशा और तकलीफ का जीवन जीना पड़ा। गांधी परिवार पर परोक्ष हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस को चिंता थी तो ‘‘सिर्फ एक खास परिवार’’ और उनकी सुख-सुविधा की चिंता थी।
यहां किसानों की एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि सालों तक आप अपनी कुल लागत पर सिर्फ 10 फीसदी का ही मुनाफा क्यों हासिल कर पाते थे। मुझे पता है कि इसके पीछे कैसे हित थे। किसान हमारे देश की आत्मा हैं। वे हमारे अन्नदाता हैं। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा उन्हें धोखा दिया और उनसे झूठ बोला। कांग्रेस ने वोट बैंक के तौर पर उनका इस्तेमाल किया।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र की राजग सरकार इन हालात को बदलने की दिशा में काम कर रही है।
बेहद अहम है कि केंद्र सरकार की ओर से हाल में खरीफ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में ‘‘अभूतपूर्व’’ बढ़ोत्तरी के बारे में जागरूक करने के लिए यह ‘किसान कल्याण रैली’ आयोजित की गई। इस रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सहित भाजपा एवं शिअद के कई नेता शामिल हुए।
देश के तमाम राज्यों से यहां पहुचे किसानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘पिछले चार साल के दौरान आप जिस तरह से रिकॉर्ड उत्पादन करके अन्न भंडार भर रहे थे, उसे देखकर मैं आपके सामने शीश नवाता हूं। चाहे गेहूं हो, धान हो, कपास हो, चीनी हो या दाल हो पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं। अब भी नए रिकॉर्ड कायम होंगे, ऐसा अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मेरे प्यारे किसान भाइयों एवं बहनों, चाहे हालात जैसे भी रहे हों, आपने हमेशा कड़ी मेहनत की है। लेकिन इतना कुछ करने के बाद भी आपका जीवन निराशा और तकलीफ से भरा रहा, जबकि इसे खुशहाल होना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसकी वजह यह थी कि पिछले 70 साल में ज्यादातर अवधि के लिए किसानों ने जिस पार्टी को अपना जीवन-स्तर सुधारने की जिम्मेदारी दी, उसने किसानों या उनकी कड़ी मेहनत का सम्मान नहीं किया। किसानों से सिर्फ वादे किए गए और यदि उसे (कांग्रेस को) कोई चिंता थी तो वह एक खास परिवार के लिए थी कि उसे कैसे सुख-सुविधा दी जाए।’’