नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल को जोरदार फटकार लगाई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने कूड़ा निस्तारण मामले में विफल और इसके लिए कोई प्रभावी उपाय न करने पर गुरुवार को दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल को कड़ी फटकार लगाई है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में ‘कचरे के पहाड़ों’ की गंभीर स्थिति है। एलजी ऑफिस ने दिल्ली में कूड़े के निस्तारण के लिए जरूरी कदम तक नहीं उठाए। कोर्ट ने कहा कि एलजी ऑफिस ने नगर निगमों की सत्ता का दावा करने के लिए पूरा जोर लगा दिया, लेकिन कूड़े का निपटान करने के लिए कोई पर्याप्त प्रभावी उपाय नहीं किए।
हालांकि एलजी ऑफिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी नगर निगमों की है और वह उसकी निगरानी के इंचार्ज हैं। इस पर कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि 25 बैठकों के बावजूद शहर में ‘कूड़े के पहाड़’ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण बैठकों में भाग नहीं लेने के लिए भी एलजी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “आप (एलजी) कहते हैं, मेरे पास शक्ति है। मैं सुपरमैन हूं।” जानकारी के अनुसार, सुनवाई के दौरान एलजी ऑफिस की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया कि पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर, दक्षिणी दिल्ली में ओखला और उत्तरी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल साइट्स हैं. इसके लिए उपराज्यपाल अपने स्तर पर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उप-राज्यपाल अनिल बैजल से पूछा है कि आपने इसके लिए क्या एक्शन लिए हैं हमें वो बात बताएं, 25 बैठक हुई हैं या 50 कप चाय पी है इससे हमें मतलब नहीं। आप एलजी हैं, आपने बैठक की है इसलिए हमें टाइमलाइन और स्टेटस रिपोर्ट दें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले में मुख्यमंत्री को मत घसीटिए, आपको सिंपल शब्दों में ये बताना है कि कूड़े के पहाड़ कब हटेंगे। कोर्ट ने एलजी ऑफिस को 16 जुलाई तक हलफनामा देकर ठोस कूड़ा प्रबंधन पर उठाए जाने वाले कदमों की समय सीमा बताने को कहा है।