डेस्क। बाबा रामदेव महज योग ही नही बल्कि भोग के भी बड़े खिलाड़ी हैं अर्थात बाबा के भेष में और परिवेश में रहकर वह बखूबी राजसी सुख तो भोगते ही हैं साथ ही लोगों को स्वदेशी अपनाने की सलाह देकर खुद और उनका चेला बालकृष्ण बड़ी-बड़ी विदेशी गाड़ियों से घूमते हैं। इसीलिए अपने राजसी भोग में कमी या कोई भी अड़चन वो कतई नही चाहते तभी हवा का रूख देखकर उसके हिसाब से पलटी मार लेते हैं।
गौरतलब है कि अभी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्या आया और माहौल थोड़ा बदलता क्या लगा कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में योग गुरू बाबा रामदेव ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक बड़ा बयान दिया और कहा बेरोजगारी, भूखमरी, गरीबी भारत माता के माथे पर कलंक है। इस समय पूरे देश में बेरोजगारी एक बड़ा प्रश्न है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस दिशा में काम नहीं कर पा रही हैं वो इस क्षेत्र में विफल साबित हुई हैं। वहीं पतंजलि लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहा है और लोगों को रोजगार देने का काम कर रहा है। वहीं उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में भी लोगों के लिए रोजगार दिया जाएगा। हालांकि, बाबा रामदेव ने सीएम शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा पर भी कोई बयान देने से इनकार कर दिया। जबकि स्वामी अग्निवेश पर हमले की घटना से संबंधित प्रश्न पर बाबा रामदेव ने कहा कि इस तरह हमला-पिटाई शोभनीय नहीं है।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी बाबा रामदेव पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर सवाल उठा चुकें हैं। एक तरफ विपक्ष सरकार को बेरोजगारी और अन्य मुद्दों पर घेर रहा है वहीं अब बाबा रामदेव भी विपक्ष के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। अब देखना यह है कि बाबा रामदेव की ये लड़ाई सरकार के खिलाफ कब तक रहेगी।
वहीं जानकारों की मानें तो इधर मोदी की हवा का जोर कुछ कम क्या नजर आया कि बाबा के सुर बदलना स्वाभाविक है क्योंकि उनको भी अपना धंधा प्यारा है। तभी वो अभी हाल ही में राहुल गांधी को लेकर काफी नरम नजर आए। इसके अलावा कल तक जो बाबा मोदी सरकार के गुणगान गाते नही थकते थे इधर हाल के कुछ वक्त से वो काफी हद तक जैसे विपक्ष के सुर में सुर मिला रहे हैं। एक् तरह से अपनी आगे की भूमिका बना रहे हैं।