लखनऊ। पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में गठित होने वाली सरकार का अंजाम उसके आगाज से ही जाहिर होने लगा है क्योंकि जिस तरह से पहले तो इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को और सेलिब्रिटीज को शामिल करने का फैसला किया गया वहीं बाद में उसको बदल दिया जाना अपने आप में ये जताता है कि नयी सरकार कितने कारगर और कामयाब फैसले लेने वाली साबित होगी।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान 11 अगस्त को शपथ लेने वाले हैं। उन्होंने इस मौके पर विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और सेलिब्रिटीज को आमंत्रित करने का निर्णय लिया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। लेकिन अब वह इस कार्यक्रम को सादा और सामान्य बनाना चाहते हैं। उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की तरफ से इस मामले पर एक बयान जारी किया है।
इतना ही नही इस बाबत उनकी पार्टी ने कहा, ‘यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी विदेशी शख्सियत को शपथग्रहण में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। यह पूरी तरह से राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा। केवल इमरान खान के कुछ करीबी दोस्तों को बुलाया जाएगा।’ पहले ऐसी खबर थी कि खान ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, सुनील गावस्कर और कपिल देव को आमंत्रित किया है। सिद्धू ने उनके निमंत्रण को स्वीकार करते हुए कहा था कि वह इसमें शामिल होने के लिए पड़ोसी देश जरूर जाएंगे। उन्होंने इसे सम्मान की बात बताया था।
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि अभी भी कुछ पूरी तरह से साफ नही है कि अगला कदम क्या होगा। क्योंकि पीटीआई सूत्रों के अनुसार, ‘खान विदेशों में रह रहे अपने निजी दोस्तों को अभी भी बुला सकते हैं।’ खान की काफी लंबे समय से पाकिस्तान का वजीर-ए-आजम बनने की थी। इस इच्छा के पूरा होने के मौके पर उनकी पार्टी ने एक ग्रांड सेरेमनी का आयोजन करने और विदेशी शख्सियतों को बुलाने का निर्णय लिया था। हालांकि अचानक आए इस परिवर्तन के बाद खान ने ग्रांड की जगह सादा कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया है।
वहीं इससे इतर आमंत्रण की सुगबुगाहट के साथ ही गुरुवार को हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने इमरान खान की तारीफों के पुल बांधते कहा था, ‘गुणवान व्यक्ति की प्रशंसा की जाती है, शक्तिशाली व्यक्ति से डरा जाता है लेकिन चरित्रवान इंसान पर भरोसा किया जाता है। खान साहब चरित्रवान इंसान हैं। उनपर भरोसा किया जा सकता है। उन्होंने एक ऐसी जगह पर वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया है जहां उचित स्वास्थ्य देखभाल की कमी थी। राजनीति में उनकी यात्रा को देखिए। वह परेशानियों के बावजूद उबरे हैं। उन्होंने सिस्टम से लड़ाई की है और अब वह चीजों को बदलेंगे।’