लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार में जारी सख्ती और कारवाई से सपा के कद्दावर नेता आजम खान तो वैसे ही परेशान होकर बस शुक्रिया अदा कर रहे हैं वहीं अब ऐसा जाहिर हो रहा है कि बंगला विवाद में कई नये तथ्य सामने आने से जल्द ही सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी दिक्कतें काफी हद तक बढ़ सकती हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में विभिन्न निर्माण कार्य किया था, जिसके लिए उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नही ली थी और अब इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
वहीं इस बाबत उप्र सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”यह स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास में कई निर्माण कार्य कराये थे । इसके लिए उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नही ली थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून है और इस बारे में कानून अपना काम करेगा। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को समाजवादी पार्टी नेता के सरकारी बंगला छोड़ते समय की गयी तोड़फोड़ के मामले की जांच कराने का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गयी है। इसके बारे में पूछे जाने पर ही सिंह का बयान आया है।
ज्ञात हो कि जब 2012 में अखिलेश उप्र के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर अपने नाम से एक बंगला आवंटित कर लिया था। 2017 में जब उनकी सरकार चली गयी तो वह उस बंगले में रहने चले गये थे। वहीं उनके द्वारा उसी बंगले को खाली करने के दौरान बंगले में लाखों रूपये का नुकसान होना बताया गया है। जिसके लिए लोकनिर्माण विभाग के मुख्य अभियंता ने 266 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट राज्य संपत्ति अधिकारी को सौंपी है।