पटना। यूं तो मुजफ्फरपुर बालिका गुह में बच्चियों के साथ लंबे समय तक जारी रही दरिंदगी का मामला हाल के कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ था और इस मामले में एक के बाद एक नये सनसनीखेज खुलासे भी होते रहे लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू नीतीश कुमार इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे आज आखिरकार उन्होंने न सिर्फ अपनी चुप्पी तोड़ी बल्कि बखूबी स्वीकार किया कि मुजफ्फरपुर कांड से वो शर्मसार हैं।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों के साथ हुई बलात्कार की घटना के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आखिरकार चुप्पी तोड़ दी और कहा है कि मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई की हम शर्मसार हो गए हैं। लगातार इस मामले पर विपक्ष के निशाने पर रहे नीतीश ने कहा कि सीबीआई जांच कर रही है और उच्च न्यायालय इस मामले की मोनिटरिंग करेगा। नीतीश कुमार पर लगातार विपक्षी पार्टियों द्वारा इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा है।
इतना ही नही विपक्षी दलों ने नीतीश की चुप्पी पर बार-बार उठाए जा रहे सवाल पर शुक्रवार को बिहार सीएम ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में किसी के साथ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कड़ी सजा मिलेगी। दरअसल एक तरह से मुजफ्फरपुर के बालिका गृह कांड के बाद नीतीश के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को उनपर हमला करने की बड़ी वजह मिल गई है। आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उनपर जमकर हमला कर रहे हैं।
इस मामले को लेकर आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उनपर जमकर हमला कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने सुबह ट्वीट कर कहा था’ नीतीश चाचा आपकी नाक के नीचे दुनिया के सबसे भयानक बलात्कार कांड पर आपकी चुप्पी तोड़ने के लिए मैं आपको मजबूर कर दूंगा। आपके करीबी लगातार 34 बच्चियों के साथ लगातार बलात्कार करते रहे और आपने चुप्पी साध रखी है। आप मुख्यमंत्री होते हुए सो कैसे पा रहे हैं।
इसके साथ ही तेजस्वी यादव बालिका गृह मामले में शनिवार को जंतर-मंतर पर धरना देने जा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया है एक आवाज ऐसी उठाई जाए जिसका शोर आने वाली पीढ़ियों की आत्माओं को झकझोरती रहे। हमारी आने वाली नस्लें ये ना कहें कि हमारे पूर्वज कायर और नामर्द थे।मुजफ्फरपुर के ‘बालिका गृह’ में बेटियों के साथ हुई हैवानियत के विरोध में विशाल धरना एवं कैंडल मार्च, 4 अगस्त, 5:30 बजे,जंतर-मंतर पर। तेजस्वी ने इस धरने में दूसरे लोगों से भी शामिल होने की अपील की है। ऐसा माना जा रहा है कि इस धरने में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी समेत दूसरी विपक्षी पार्टियां भी शामिल हो सकती हैं।
ज्ञात हो कि बिहार के मुजफ्फरपुर में बेसहारा लड़कियों के लिए बने आश्रय गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार का मामला सामने आने के बाद से देश सन्न रह गया है। इसमें तीन बच्चियों की मौत की बात भी कही जा रही है। इस बालिका गृह का संचालन ब्रजेश ठाकुर खुद उसके तमाम साथी और अफसर वहां की बच्चियों के साथ न सिर्फ बलात्कार करते थे बल्कि हैवानियत की हदें तक पार कर देते थे। ब्रजेश की गिनती बिहार के रसूखदारों में होती रही है। ठाकुर एक अखबार ‘प्रात:कमल’ चलाता है। चर्चा है कि बेहद कम सर्कुलेशन वाले इस अखबार को नीतीश सरकार से सालाना करोड़ों रुपये के विज्ञापन मिलते रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष नीतीश पर हमलावर है।
वहीं इससे इतर सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और गुरुवार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के आश्रय गृह में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं की तस्वीरों व विडियो प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस मदन बी.लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने एक शख्स द्वारा अदालत को पत्र लिखने के बाद इस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, बिहार सरकार से जवाब मांगा है।