लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नौ प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। जिसके तहत काफी दिनों से जारी एक अहम कवायद पर भी सख्त रूख अख्तियार करते हुए आज कैबिनेट ने राज्य सम्पत्ति विभाग के मकानों में अवैध ढंग से काबिज राजनीतिक दलों, नेताओं व एनजीओ के कब्जे हटवाने पर मुहर लगा दी।
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को कई फैसले लिए गए। बैठक में यह फैसला किया गया कि विधायकों को अब सभी एयरलाइंस में यात्रा करने की भरपाई की जाएगी। इसके अलावा प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण के लिए अध्यादेश की जगह विधेयक इसी सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के मसौदे को बैठक में मंजूरी दी गई है। कैबिनेट की बैठक में कुल नौ फैसले हुए हैं।
बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य संपत्ति विभाग के भवनों पर अवैध रूप से काबिज ट्रस्ट, सामाजिक संस्थाएं, राजनीतिक दलों की इकाइयों, कर्मचारी संगठनों, व्यवसायिक संस्थाओं, वकीलों व अन्य निजी आवंटियों को आसानी से बेदखल किया जा सकेगा। इसके लिए एक्ट से संबंधित नियमावली को मंजूरी दी गई।
बैठक में केजीएमयू लखनऊ में प्रति कुलपति पद की बहाली का फैसला किया गया। इसके अलावा एम्स और पीजीआई की तर्ज पर एडिशनल प्रोफेसर का पद भी सृजित करने का निर्णय हुआ और नर्सिंग व पैरामेडिकल की नई फैकल्टी खोलने का फैसला किया गया।
इसके साथ ही ये भी तय किया गया है कि प्रदेश में सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए हर विकासखंड में लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति की जाएगी। जो योजनाओं के प्रचार-प्रसार से लेकर जनता के फीडबैक तक को सरकार तक पहुंचाएंगे। जिला मुख्यालयों में कार्य करने वाले लोकमित्र को 30 हजार रुपये मासिक तो अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोकमित्रों को 25 हजार रुपये मासिक दिये जाएंगे।
इसके अलावा सरकार ने विधायकों की हवाई यात्रा को लेकर भी फैसला किया। अब एयर इंडिया से यात्रा करने पर विधायकों को पहले कूपन नहीं देना होगा। उनके किराये की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा कर दी जाएगी।