लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं को सरकारी धन से पोषित और संरक्षित करने का खेल भाजपा सरकार में शुरू हो गया है। यह उसकी साजिश का हिस्सा है जो प्रशासनिक क्षेत्र में भी संघ स्वयंसेवको की भर्ती करती है। एक सुनियोजित योजना के तहत राज्य सरकार लोक कल्याण मित्र के पदों पर समायोजित करना है जिनका काम भाजपा सरकार की कथित उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना होगा, पर वस्तुतः ये भाजपा-संघ की चुनावी मशीनरी के अंग होंगे।
उन्होंने कहा कि लोक कल्याण मित्रों को ब्लाक स्तर पर 25 हजार और भत्ते आदि में 5 हजार रूपए कुल 30 हजार रूपए और राज्य स्तर पर 35 हजार के साथ 5 हजार रूपए अतिरिक्त भत्ते के मद में यानी 40 हजार रूपए मिलेंगे। राजकोष का यह निर्लज्ज दुरूपयोग है। लोक कल्याण मित्रों के नाम पर भाजपा सरकार जो खेल खेलने जा रही है वह लोकोपयोगी न होकर लोकतांत्रिक व्यवस्था का उपहास है। संघ-भाजपा की यह फौज सरकारी खर्च पर तैयार की जा रही है।
साथ ही कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार जनता में पूर्णतया अलोकप्रिय हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी की प्रशासनिक अक्षमता के कई नमूने लोग देख चुके हैं। 16 महीनों के अपने कार्यकाल में वे जनहित की अपनी एक भी योजना लागू नहीं कर सके हैं। अब तक केवल समाजवादी सरकार और समाजवादी नेतृत्व पर झूठे आरोप लगाकर ही वे सुर्खियों में बने हुए हैं। जनता को उन्हें यह जवाब देना ही होगा कि अपने कार्यकाल में उनका कौन काम गिनाने लायक हैं?
इसके अलावा उन्होंने कहा अजीब बात है कि विकास की थोथी बातें करने वाले मुख्यमंत्री जी और उनके सहयोगियों के पास सिर्फ आरोप प्रत्यारोप की प्रतियोगिता करना ही एक काम रह गया है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चैपट है। अपराधियों की पौबारह है। देवरिया का यौनाचार काण्ड भाजपा राज के लिए कलंक है। महिलाएं बच्चियों दिन-रात कभी भी सुरक्षित नहीं। बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
नौबत ये है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी कहा है कि लेफ्ट, राईट, सेंटर सब तरफ सिर्फ रेप ही रेप की खबरें हैं, यह क्या हो रहा है? उत्तर प्रदेश की बदनामी तो अब विदेशों तक में हो गई है। कई विदेशी खिलाड़ियों ने तो लखनऊ आने से ही मना कर दिया है। यह स्थिति भाजपा के लिए शर्मनाक है। अब तो इस सबका जवाब लेने के लिए जनता समय का इंतजार कर रही है।