लखनऊ। सपा के पूर्व अध्यक्ष शिवपाल यादव द्वारा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात किये जाने से एक पल को सियासी गलियारों में चर्चायें जोर पकड़ने लगी थीं कि फिलहाल खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली बात सामने आई।
गौरतलब है कि शिवपाल जसवंत नगर और इटावा में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए पहुंचे थे। लेकिन इसी के साथ ही चर्चा तो ये भी है कि वो शिकायत के लिए आए थे कि सरकार की नजरे इनायत के लिए। क्योंकि हाल फिलहाल न तो पार्टी में और न ही कुनबे में कहीं भी उनकी चल रही नही है।
हालांकि वैसे तो बताया जाता है कि शिवपाल सिंह यादव बृहस्पतिवार शाम मुख्यमंत्री से मिलने उनके एनेक्सी स्थित कार्यालय गए। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि वह अपने क्षेत्र जसवंतनगर और इटावा में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने पर सबसे पहला वादा भ्रष्टाचार खत्म करने का किया गया था।
उन्होंने अपने क्षेत्र और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया कि कोई थाना और तहसील नहीं, जहां भ्रष्टाचार कम से कम 10 गुना न बढ़ा हो। थानों में लुट-पिटकर जाने वाले लोगों की रिपोर्ट भी बिना पैसे लिए नहीं दर्ज की जाती।
उनके अनुसार यदि कोई एफआईआर अज्ञात में दर्ज हो जाए तो पुलिस आसपास के दो सौ-पांच सौ लोगों को ठग लेती है। उनके क्षेत्र और इटावा में कोई थाना नहीं है, जिसमें लूट न हो रही हो। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कहा है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कराएंगे।
इसके साथ ही शिवपाल ने कहा कि उनके राजस्व मंत्री रहते प्रदेश में राजस्व संहिता लागू की गई थी। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलना चाहिए था। यदि कोई रजिस्ट्री हो जाए तो अपने आप दाखिल-खारिज हो जना चाहिए। लेकिन, तीन-तीन और छह-छह महीने तक दाखिल खारिज नही किए जाते। बिना पैसा दिए किसी टेबिल पर काम नहीं होता। सरकार को वादे के मुताबिक भ्रष्टाचार पर रोक लगानी चाहिए।