नई दिल्ली। प्रदेश के जनपद हापुड़ में गोवध के संदेह में कथित रूप से उग्र भीड़ द्वारा दो लोगों पर हमला किये जाने पर देश की सर्वोच्च अदालत ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल इस हमले में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। जिसके चलते न्यायालय ने मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को इस मामले की जांच कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने इस हमले में जख्मी हुये समीउद्दीन की याचिका पर राज्य सरकार को नोटस जारी किया। इस याचिका में सारी घटना की विशेष जांच दल से जांच कराने और इससे संबंधित मुकदमे की सुनवाई राज्य से बाहर कराने का अनुरोध किया गया है।
इसके साथ ही पीठ ने हापुड़ जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह इस हमले में बच गये समीउद्दीन को सुरक्षा प्रदान करने के उसके अनुरोध पर विचार करें। न्यायालय ने इसके साथ ही इस मामले में 28 अगस्त को आगे विचार करने का निश्चय किया है।
इतना ही नही पीठ ने समीउद्दीन के वकील के इस कथन पर विचार किया कि उनके मुवक्किल और मांस के कारोबारी कासिम कुरैशी पर 18 जून को उग्र भीड़ ने इस संदेह में हमला किया कि वे गौवध में शामिल हैं जबकि पुलिस ने भीड़ के हमले की बजाये रोड रेज का मामला दर्ज किया है।
ज्ञात हो कि इस हमले में 45 वर्षीय कुरैशी की बाद में मृत्यु हो गयी थी। याचिका में इस घटना के मुख्य आरोपी युधिष्ठिर सिंह सिसोदिया और अन्य आरोपियों की जमानत रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में एक मिनट का एक वीडियो सामने आने का भी जिक्र किया गया है जिसमे यह बताया गया है कि यह रोड रेज का नहीं बल्कि भीड़ द्वारा पीटने का मामला था।