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डीजीपी ने पुलिस में विरोध की खबर को गलत बताया, साथ ही इसे फैलाने वालों को भी चेताया

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर में हुए चर्चित विवेक तिवारी हत्याकाण्ड में मुख्य आरोपी और उसके साथी पुलिसकर्मी के पक्ष में पुलिस विभाग में कथित लामबंदी और लगातार सोशल मीडिया पर जारी मुहिम को लेकर आज प्रदेश पुलिस के मुखिया ओ. पी. सिंह ने साफ कहा कि ऐसा कुछ नही है बल्कि महज एक तरह से अफवाह मात्र है। सोशल मीडिया के जरिये फैलाई जा रही पोस्टों पर हमारी नजर है। ऐसा करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

गौरतलब है कि डीजीपी ओपी सिंह ने 1090 में हुए एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही कि विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी सिपाही प्रशांत व संदीप के पक्ष में पुलिसकर्मियों के लामबंद होने की बात गलत है। इतना ही नही बल्कि डीजीपी ने काली पट्टी बांधे पुलिसकर्मियों के फोटो के बारे में भी स्थिति स्पष्ट की।

इस बाबत उन्होंने बताया कि दो साल पहले वेतन विसंगति को लेकर उपजे विवाद के दौरान कुछ लोगों ने काली पट्टी बांध प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के विरोध की बात को कुछ लोग अपने फायदे के लिये प्रचारित कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिये फैला जा रही पोस्टों पर हमारी नजर है। ऐसा करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अनुशासित फोर्स है और विरोध जैसी कोई स्थिति नहीं है।

ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर विवेक हत्याकाण्ड को लेकर खेमेबंदी होने लगी थी। जिसके तहत जहां एक तरफ लोगों का पुलिस और हत्यारोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ भारी आक्रोश था वहीं मौके का फायदा उठाते हुए कुछ एक असंतुष्ट कथित पुलिसकर्मियों द्वारा आरोपी के समर्थन में तरह तरह की दलीलें देते हुए पुलिकर्मियों से उसके पक्ष में खड़े होने की दुहाई दी जा रही थी। साथ ही उसकी मदद के लिए धनराशि भी जुटाई जा रही थी। लेकिन प्रदेश पुलिस के मुखिया ने चेतावनी के साथ ऐलान कर स्थिति साफ कर दी।

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