कोलंबो। भारत में कई मौकों पर संसद और सदन में सवाल के बीच बवाल तो अक्सर देखने को मिलता है। वहीं अब ऐसा असर श्रीलंका में उस वक्त देखने को मिला जब वहां की संसद में लोकतंत्र उस समय शर्मसार हो गया, जब पक्ष और विपक्ष के सांसद एक-दूसरे से जा भिड़े। इस दौरान राजनीतिक विवाद के बीच स्पीकर पर कूड़ेदान और किताबें उछाली गईं।
गौरतलब है कि 15 नवंबर को राजपक्षे को संसद में अपनी सरकार का बहुमत साबित करना था, जिसके लिए सत्र बुलाया गया। लेकिन जैसे ही संसद अध्यक्ष कारू जयसूरिया ने कहा कि देश में कोई सरकार नहीं है और न ही कोई प्रधानमंत्री, तो राजपक्षे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वो इस बयान से सहमत नहीं हैं और मतदान के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि देश बेहद संवेदनशील स्थिति में है, ऐसे में बिना मतदान के बयानबाजी करना देशहित में नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जयसूरिया के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो मुझे प्रधानमंत्री पद से और मेरे कैबिनेट मंत्रियों को पद से हटा सकें। महिंदा ने अध्यक्ष पर भेदभाव करने और दलगत लाभ के लिए काम करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि अध्यक्ष कारू जयसूरिया यूनाइटेड नेशनल पार्टी से संबद्ध हैं।
जबकि राजपक्षे ने देश में नए सिरे से चुनाव कराने और राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ आने का आह्वान किया। लेकिन इससे बात नहीं बनी और तीन दर्जन से ज्यादा सांसद आसंदी के नजदीक पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे।
इतना ही नही बल्कि इसी के साथ सांसदों के बीच विवाद शुरू हो गया और उन्होंने अध्यक्ष के साथ बदतमीजी शुरू कर दी। तभी अध्यक्ष से सहमत सांसद भी सदन के बीचोंबीच आ गए और दोनों पक्षों के बीच किताबें, बोतलें और डस्टबिन फेंकने का सिलसिला शुरू हो गया।