नई दिल्ली। देश में एक बेहद ही अहम चुनावों का बेहद ही नजदीक आना और ऐसे में किसी जानी मानी शख्सियत का ऐसा कहा जाना कि PM नरेन्द्र मोदी एक अच्छे नेता तो हैं लेकिन टीम को साथ लेकर चल सकने में नाकाम हैं। इतना ही नही बल्कि यह तक कहा जाना कि उनसे देश का मतदाता निराश है इसलिए वो उनको दुबारा बहुमत नही दिलायेगा बेहद ही अहम और बड़ी बात है। ऐसी बातें दरअसल और किसी ने नही बल्कि कल तक मोदी के प्रशंसक रहे ब्रिटेन के नेता एवं अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने कही हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक रहे ब्रिटेन के नेता एवं अर्थशास्त्री मेघनाद देसाई ने मोदी की आलोचना करते हुए उन्हें टीम को साथ नहीं ले कर चलने वाला खिलाड़ी करार दिया, साथ ही कहा कि ‘निराश’ मतदाता उन्हें दोबारा बहुमत नहीं दिलाएगा । साथ ही देसाई ने कहा कि मोदी ने जरूरत से ज्यादा वादे किए और उन्होंने यह मानने की गलती की कि मजबूत मंत्रिमंडल की बजाए वह कुछ नौकरशाहों की मदद से पूरे देश पर शासन कर सकेंगे जैसा कि उन्होंने गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान किया था। देसाई ने बृहस्पति को न्यूज एजेंसी से बात के दौरान कहा, ‘‘ बहरहाल लोग निराश हैं। कहीं न कहीं यह भावना है कि अच्छे दिन अब तक नहीं आए।’’
इसके साथ ही लंदन में बस चुके देसाई ने कहा कि मोदी के पास बड़े अवसर थे। साथ ही उन्होंने कहा कि टीम को साथ ले कर नहीं चलना उनके लिए घातक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी अच्छे नेता तो हैं लेकिन टीम को साथ ले कर चलने वाले अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं, वह टीम के नेता नहीं हैं। वह जन नेता तो हैं, लेकिन टीम लीडर नहीं हैं। उनके मंत्रिमंडल में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को छोड़ कर कोई भी अनुभवी नहीं है।’’ देसाई कहते हैं कि इससे ठीक उलट मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले संप्रग शासन में प्रणब मुखर्जी, अर्जुन सिंह, शरद पवार और पी चिदंबरम सहित कम से कम छह मंत्रियों के पास प्रधानमंत्री पद की योग्यता थी। उन्होंने कहा कि मोदी को यह अनुमान नहीं था कि चीजें इतनी मुश्किल हो जाएगीं और अब ये ऐसे स्तर पर पहुंच गईं हैं कि उन्हें एक बार और सत्ता में लाने के लिए लोगों से अनुरोध करना पड़ेगा।