नई दिल्ली। उत्तराखण्ड के लिए आज का दिन उस वक्त ब्लैक फ्राइडे साबित हुआ जब वहां ऑलवेदर रोड के निर्माण के दौरान अचानक एक चट्टान टूटने से तकरीबन एक दर्जन मजदूर उसमें दब गए। जिनमें से सात की मौके पर ही मौत हो गई बाकी गंभीर रूप से घायल मजदूरों को असपताल में भर्ती करया गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा हो गया। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाइवे पर बांसवाड़ा में ऑल वेदर रोड का काम चल रहा था। इस दौरान चट्टान टूटकर गिर गई। चट्टान टूटने से कई मजदूर मलबे में दब गए। हादसे में अभी तक सात मजदूरों की मौत हो चुकी है जबकि तीन गंभीर घायल हैं। सभी मृतक जम्मू-कश्मीर के है।
बताया जा रहा है कि वहां जिसके चलते जेसीबी भी नदी में जा गिरी। जिस समय हादसा हुआ, उस समय वहां पर कुल 23 मजदूर काम कर रहे थे, जिसमें 13 सुरक्षित बच गए। जबकि 7 की मौत हुई है। 3 घायल हुए हैं। हालांकि सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम और पुलिस मौके पर पहुंच गई है। इस दौरान सात मजदूरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
ज्ञात हो कि हाल ही में बदरीनाथ हाईवे पर भी बजपुर गांव के समीप ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य के दौरान एक बोल्डर छिटककर एक आवासीय मकान के अंदर घुस गया था। गनीमत यह रही कि भवन स्वामी कनक सिंह रावत और उनकी पत्नी अपने बेटे से मिलने बागेश्वर गए हुए थे, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
हालांकि उस वक्त भी चट्टानी भाग में जेसीबी की मदद से बोल्डरों को तोड़ने का काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक एक बोल्डर छिटक कर बाजपुर गांव में कनक सिंह रावत के मकान की दीवार को तोड़कर कमरे में जा घुसा। वहीं डीएम और एसपी के अनुसार कॉन्ट्रैक्टर और ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी गई है।