लखनऊ। प्रदेश के जनपद चंदौली में एक परिवार के लिए आने वाले साल की सुबह ही उस वक्त बेहद मनहूस साबित हुई जब मवेशी लादे हुई एक तेज रफ्तार डीसीएम ने अचानक सड़क किनारे अपनी मड़ई में सो रहे सात लोगों का रौंद दिया। जिससे मौके पर ही दो महिलाओं और तीन बच्चों समेत सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं इस घटना को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। जिसे देख एक पल को मौके पर पहुंचे तमाम अफसर सकते में आ गए। वहीं डीएम और एसपी ने किसी तरह समझाबुझाकर लोगों को शांत कराया।
मिली जानकारी के मुताबिक जनपद चंदौली में इलिया थाना क्षेत्र के माल्दह गांव में मंगलवार की सुबह लगभग पांच बजे मवेशी लदे डीसीएम ने सड़क किनारे मड़ई में सो रहे एक परिवार के सात लोगों को रौंद दिया। हादसे में परिवार के मुखिया के अलावा दो महिला, तीन बच्चे समेत सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दुर्घटना के बाद ग्रामीणों में कोहराम मच गया। डीसीएम को छोड़कर चालक व पशु तस्कर पैदल ही भाग निकले। घटनास्थल पर डीएम, एसपी समेत कई थाने की पुलिस फोर्स पहुंच गई।
वहीं हादसे के बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा मचाया। पुलिस पर पशु तस्कर में संलिप्त होने का आरोप भी लगाया। इस मामले में इलाकाई पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने के चलते एसपी ने इलिया थानाध्यक्ष व एसएसआई को निलंबित व चकिया प्रभारी कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया। जबकि डीएम ने मृतक परिवार को पांच लाख मुआवजा व पट्टे पर जमीन देने की घोषणा की है।
बताया जाता है कि बिहार बार्डर (bihar border) से आधा किमी पहले माल्दह गांव निवासी 65 वर्षीय कल्लू मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। भूमिहीन होने से पूरा परिवार सड़क किनारे मड़ई में ही रहता था। सोमवार की रात पूरा परिवार रोज की तरह अपनी मड़इया में सो रहा था कि तभी सुबह पांच बजे के आसपास लगभग दो दर्जन मवेशी लादकर बिहार ले जा रही एक डीसीएम का चालक पुलिस को पीछे आता देख हड़बड़ी में नियंत्रण खो बैठा और डीसीएम उक्त मड़इया में घुस गई।
बताया जाता है कि उस दौरान उक्त पशु तस्करों का डायल 100 पुलिस टीम पीछा करने लगी। पुलिस टीम को पीछे आते देख माल्दह गांव के समीप अचानक डीसीएम अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खंभे को टक्कर मारते हुए कल्लू की मड़ई में घुस गई। डीसीएम मड़ई में सो रहे परिवार के सभी सातों सदस्यों को रौंदते हुए खेत में फंस गई। हादसे के बाद ग्रामीणों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों के पहुंचने से पहले डीसीएम चालक व पशु तस्कर पैदल ही भाग निकले।
वहीं मौके पर ग्रामीणों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। ग्रामीण घटनास्थल पर मुख्यमंत्री को बुलाने, मृतक आश्रित परिवार के बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने व मुआवजा और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। डीएम व एसपी ने घंटों समझाने बुझाने के बाद ग्रामीणों को शांत कराया। डीएम ने भूमिहीन मृतक आश्रित परिवार के बेटे को पट्टे पर जमीन व पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से भी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
वहीं इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने डायल 100 पुलिस पर तस्करों को प्रदेश की सीमा पार कराने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि पुलिस टीम पीछा कर रही थी, तो हादसे के बाद चालक व तस्कर फरार कैसे हो गए। एसपी संतोष सिंह ने इलिया थानाध्यक्ष व एसएसआई को निलंबित कर दिया। चकिया प्रभारी कोतवाल घनश्याममणि मिश्रा को लाइन हाजिर कर दिया। इसके अलावा सीओ चकिया कुंवर प्रभात सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएसपी को रिपोर्ट भेजने की बात कही।