पुरुषों को अब नसबंदी की जरूरत नहीं होगी, अब एक इंजेक्शन उनके लिए कॉन्ट्रासेप्टिव (गर्भनिरोधक) का काम करेगा. भारतीय वैज्ञानिकों ने मेल कॉन्ट्रासेप्टिव यानी गर्भनिरोधक इंजेक्शन विकसित किया है. इसका क्लिनिकल ट्रायल भी पूरा हो चुका है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR की अगुवाई में यह ट्रायल पूरा कर रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दी गई है. बहुत जल्द इस इंजेक्शन को इस्तेमाल के लिए हरी झंडी मिलने वाली है.
ICMR के साइंटिस्ट डॉक्टर आर एस शर्मा ने बताया कि यह रिवर्सिबल इनबिशन ऑफ स्पर्म अंडर गाइडेंस (RISUG) है, जो एक तरह का गर्भनिरोधक इंजेक्शन है. अब तक पुरुषों में गर्भनिरोधक के लिए सर्जरी की जाती रही है, लेकिन अब सर्जरी की जरूरत नहीं होगी. अब एक इंजेक्शन पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक का काम करेगा. खास बात यह है कि इस इंजेक्शन की सफलता की दर 95 पर्सेंट से भी ऊपर है और एक बार इंजेक्शन के बाद 13 साल तक यह काम करता है. डॉक्टर शर्मा ने कहा कि 13 साल तक का हमारे पास रेकॉर्ड है. हमें उम्मीद है कि यह इंजेक्शन इससे भी ज्यादा समय तक काम कर सकता है.
ऐसे काम करता है इंजेक्शन
डॉक्टर शर्मा ने बताया कि आईआईटी खड़गपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर एस के गुहा ने इस इंजेक्शन में इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स की खोज की थी. यह एक तरह का सिंथेटिक पॉलिमर है. सर्जरी में जिन दो नसों को काट कर इसका इलाज किया जाता था, इस प्रोसीजर में उसी दोनों नसों में यह इंजेक्शन दिया जाता है, जिसमें स्पर्म ट्रैवल करता है. इसलिए इस प्रोसीजर में दोनों नसों में एक एक इंजेक्शन दिया जाता है. डॉक्टर ने कहा कि 60 एमएल का एक डोज होगा.
उन्होंने कहा कि इंजेक्शन के बाद निगेटिव चार्ज होने लगता है और स्पर्म टूट जाता है, जिससे फर्टिलाइजेशन यानी गर्भ नहीं ठहरता. डॉक्टर ने कहा कि पहले चूहे, फिर खरगोश और अन्य जानवारों पर इसका ट्रायल पूरा होने के बाद इंसानों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया.