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कांग्रेस का ये काबिल-ए-गौर नरम रवैया, बनेगा उसकी कामयाबी की नैया का खिवैईया

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डेस्क। एक शायर का एक बेहद ही अहम और गहराई वाला शेर है कि “जो आप से झुक कर मिला होगा उसका कद कहीं आपसे ऊंचा होगा।“ एक तरह से यह शेर मौजूदा वक्त में काफी हद तक आजादी के बाद से कई दशकों तक देश पर राज करने वाली पार्टी कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पर बखूबी फिट बैठता है। क्योंकि जिस तरह से देश के अहम सूबे उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में तमाम क्षेत्रीय दल न सिर्फ भाव खा रहे हैं बल्कि कांग्रेस पर प्रहार करने से भी बाज नही आ रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके पार्टी और उसके मुखिया राहुल गांधी बेहद ही संजीदगी से अपनी चुनावी तैयारियों में जुटे हैं। जिसके सकारात्मक परिणाम भी हाल के चुनावों में तीन राज्यों में देखने को भी मिले।

गौरतलब है कि एक बार फिर मायावती ने अपने जन्मदिन की प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश में सबसे अधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस एंड कंपनी को भी सबक सिखाने की जरूरत है। देश की आजादी के बाद कांग्रेस और भाजपा की सरकार के राज में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। किसान, गरीब, दलित व अन्य पिछड़े वर्ग का सही से विकास नहीं हुआ, जिससे दुखी होकर ही हमें इनके हितों के लिए पार्टी बनानी पड़ी थी। किसान, दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग सबसे ज्यादा दुखी है। इसकी एक वजह केंद्र सरकार है। अब आम जनता कांग्रेस के बाद भाजपा को सत्ता से हटाने का मन बना चुकी है।

इतना ही नही बल्कि हाल ही में गत शनिवार को जब मायावती ने अखिलेश यादव की उपस्थिति में सपा-बसपा के साथ गठबंधन कर लोकसभा सीटों के बंटवारे की घोषणा की थी तो उसके बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई तीखी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। यहां तक कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी में केवल इतना कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास उत्तर प्रदेश की जनता को देने के लिए बहुत कुछ है। साथ ही ये भी कहा था कि बसपा और सपा के नेताओं के प्रति मेरे मन में सम्मान है, उन्हें वह करने का अधिकार है जो वे करना चाहते हैं।

वहीं केंद्रीय और प्रदेश स्तर के कांग्रेसी नेताओं ने भी बसपा के प्रति नरम रुख बनाए रखा। इस सबके बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था कि यूपी के नतीजे लोगों को आश्चर्यचकित कर सकते हैं। कांग्रेस अपनी विचारधारा फैलाएगी। सपा-बसपा गठबंधन, ये दोनों पार्टियों का फैसला है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने सोच समझकर ही फैसला लिया है। हम वहां पूरा दम लगाकर चुनाव लड़ेंगे। हमारी भाजपा से विचारधारा की लड़ाई है।

मायावती द्वारा कांग्रेस पर निशाना साधने के बावजूद भी राहुल ने कहा, हम प्यार से राजनीति करते हैं। यूपी में अब हम अपनी जगह बनाएंगे। जबकि मायावती ने कहा था, भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा एक समान है। दोनों पार्टियों के राज में रक्षा घोटाले हुए हैं। वहीं अब जब अपने जन्म दिल पर मायावती ने फिर से कांग्रेस पर करारा हमला बोला है जिस पर फिर एक बार कांग्रेस ने अभी उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दरअसल कांग्रेसी अभी तक मायावती के बयान को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उनकी अपनी रणनीति है।

वहीं इस बात पर पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को इशारों-इशारों में कह दिया, हम अपनी तैयारी कर रहे हैं। अब कौन क्या कह रहा है, इस मामले में एनर्जी क्यों नष्ट करें। कोई हमसे पूछकर तो कुछ कह नहीं रहा है। हमारे अध्यक्ष ने जब यह बात कही है कि यूपी के नतीजे चौकाने वाले होंगे, तो उसमें कुछ तो खास रहा होगा। कांग्रेस पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बेहद ही चौंकाने वाले परिणाम भी देगी। क्योंकि हम बातों में नही काम करने में भरोसा करते हैं।

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