चुनाव आयाेग के सूत्रों ने बताया कि अलीगढ़ के निर्वाचन अधिकारी की रिपाेर्ट के अध्ययन के बाद आयाेग ने कल्याण को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना है।उल्लेखनीय है कि कल्याण सिंह ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं से लोकसभा चुनाव में भाजपा को जिताने की अपील की थी। आयोग ने इसे आचार संहिता लागू रहने के दौरान संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का राजनीतिक बयान माना है।
आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। इसकी जांच में सिंह के ख़िलाफ़ आरोप की पुष्टि हुई है। आयोग ने अतीत के ऐसे दो मामलों का भी अध्ययन किया है। साथ ही हाईकाेर्ट के 2010 के एक फैसले का हवाला भी दिया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं रह सकता।इससे पहले 1990 में हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद द्वारा बेटे के लिए प्रचार करने पर आयोग ने नाराजगी जतायी थी। बाद में अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।