नई दिल्ली : नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले के आरोपी व प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह पर फिर शिकंजा कस दिया गया हैष। सोमवार दोपहर को सीबीआइ की दिल्ली ब्रांच की टीम सीबीआइ कोर्ट पहुंची, जिन्होंने करीब 76 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़े एक अन्य केस में यादव सिंह को फिर गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी सीबीआइ यादव हिंह को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसके बाद तीन मामलों में उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
इसके कारण इन दिनों वह जेल से बाहर चल रहा है। ऐसे में अब सीबीआइ की टीम यादव सिंह से पूछताछ कर उसे जल्द ही कोर्ट में पेश कर सकती है।
गौरतलब है कि यादव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से अक्तूबर 2019 में जमानत मिली
थी। इसके बाद वह जेल से बाहर आ गया था। सीबीआई ने यादव सिंह को पहली बार
तीन फरवरी 2016 को गिरफ्तार किया था। अब एक बार फिर हिरासत में लिए जाने के
पीछे कारण माना जा रहा है कि नोएडा स्थित स्टेडियम के मामले में भी यादव
सिंह के खिलाफ जांच पेंडिंग है। सूत्रों के अनुसार यादव सिंह के खिलाफ
नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाला, अंडरग्राउंड केबल डालने का घोटाला और आय से
अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा सीबीआई कोर्ट में विचाराधीन है।
आरोप है कि वर्ष 2007 से 2012 के बीच यादव सिंह नोएडा प्राधिकरण में मुख्य
अभियंता के तौर पर तैनात था। इस बीच उसने 29 निजी फर्म को लाभ पहुंचाने के
लिए करोड़ों रुपये के टेंडर स्वीकृत किए। इनमें कई फर्म ऐसी थी, जोकि उसके
परिवार के सदस्यों और दोस्त संजय कुमार के नाम रजिस्टर्ड थी।