नई दिल्ली. देश भर में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों के कारण और मंद हुई अर्थव्यस्था के बीच वित्त मंत्री निर्मलाा सीतारमण ने कहा कि सरकार की नजर परिस्थिति पर बनी हुई है. निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार जल्द ही इकॉनॉमिक पैकेज का ऐलान करने के करीब है.
निर्मला सीतारमण ने साथ ही बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वित्तीय साल 18-19 के आईटीआर दाखिल करने की तारीख को बढ़ाने का फैसला किया गया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 जून होगी.
रिटर्न भरने में देरी पर 12 की जगह 9 प्रतिशत चार्ज लगेगा. साथ ही मार्च, अप्रैल, मई का जीएसटी रिटर्न भरने की तारीख भी 30 जून तक बढाई गई. आधार-पैन लिंक करने की तारीखों को भी बढ़ाया गया है. अब इसे 1 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि कस्टम क्लियरेंस अब एक जरूरी सर्विस है, इसलिए 30 जून, 2020 तक यह 24 घंटे काम करेगी.
निर्मला सीतारमण ने की ये अहम घोषणाएं भी
– कंपनी में बोर्ड की बैठक आयोजित करने की अनिवार्यता को 60 दिनों की अवधि के लिए बढ़ाया गया. यह अगली दो तिमाहियों के लिए है.
– नई कंपनी बनाने वालों को अपने व्यापार के लिए डिक्लरेशन करने की निर्धारित 6 महीने की अवधि को बढ़ाकर अब 12 महीने किया गया. बढ़ाकर एक साल किया गया.
– चलते सरकार ने कार्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री से जुड़ी ये घोषणाएं कीं
-एमसीए 21 रजिस्ट्री के तहत पहले मोरेटोरियम इश्यू 30 सितंबर था, इस पर अब देर से फाइलिंग में कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी.
– कंपनियों के बोर्ड मेंबर को जरूरी बैठक करने में भी राहत, 6 महीने तक बैठक नहीं करेंगे तो भी चलेगा.
– ऑडिट 2020-21 के लिए भी समय सीमा बढ़ाई गई.
– जिन कंपनियों ने अभी तक कोई बोर्ड बैठक नहीं की है, उनपर के ऊपर कोई जुर्माना नहीं लगेगा.
– कोरोना संकट के चलते कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज में ये दबलाव किए गए
– सबका विश्वास योजना अप्रत्यक्ष करों से जुड़े मामलों के लिए थी, इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च थी, इसकी मीयाद भी बढ़ाकर अब 30 जून कर दी गई है. इस अवधि में किसी पर कोई ब्याज नहीं लगेगा. वहीं, लॉकडाउन की अवधि में किसी एक्सपोर्टर-इम्पोर्टर को दिक्कत न हो, इसके लिए कस्टम क्लीयरेंस का काम 30 जून तक 24 घंटे होगा.
कोरोना संकट के चलते जीएसटी फाइल को लेकर किए गए ये बदलाव
– मार्च-अप्रैल-मई 2020 के महीनों की रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 30 जून तक बढ़ाई गई.
– ऐसी कंपनियां जिनका टर्नओवर 5 करोड़ से कम है, उनपर कोई ब्याज, जुर्माना आदि नहीं लगेगा.
– 5 करोड़ से ऊपर वाली कंपनियों पर 12 के बजाय अब 9 फीसदी ब्याज लगेगा.
– कंपंसेशन के लिए ऑप्ट करने की योजना भी 30 जून तक बढ़ाई गई.
– आईटी रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च के बजाय 30 जून की गई.