नई दिल्ली. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में कटौती को लेकर विवाद की स्थिति खड़ी हो गई है. सरकार ने ये भत्ते रोके तो कांग्रेस ने विरोध किया. खुद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आगे आए और कहा कि सरकारी कर्मचारियों पर ऐसी सख्ती की जरूरत नहीं. वहीं प्रियंका गांधी ने भी सवाल उठाए. अब सत्तारूढ़ भाजपा ने सफाई दी है.
पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा गया है कि DA और DR में कोई कटौती नहीं की गई है. जनवरी 2020 से लागू बढ़ोतरी के अनुसार भुगतान होगा. वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा गया कि कांग्रेस सरकारों ने तो अनिवार्य जमा योजना के तहत सभी की आय का 3-18% हिस्सा, 3-5 साल तक लॉक-इन अवधि में रखना जरूरी किया था. सवाल उठाने से पहले कांग्रेस को अपने अतीत में झांकना चाहिए.
DA पर भाजपा की पूरी सफाई
DA और DR में कोई कटौती नहीं की गई है. इसकी अतिरिक्त बढ़ोतरी की किस्तों पर अस्थायी रोक लगाई गई है, जिसे बाद में फिर से लागू कर दिया जाएगा. मोदी सरकार द्वारा निर्धारित 17 प्रतिशत की दर से DA और DR का भुगतान जारी रहेगा. जैसे ही सरकार द्वारा 1 जुलाई 2021 से DA/DR की भावी किस्तों को जारी करने का निर्णय लिया जाएगा, 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 को प्रभावी DA/DR का भुगतान कर दिया जाएगा और उन्हें 1 जुलाई 2021 से प्रभावी संचयी संशोधन दर में शामिल कर लिया जाएगा. इस फैसले से होने वाली बचत राशि का उपयोग कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका मामला
इस बीच DA और DR का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सर्वोच्च अदालत से मांग की है कि वह सरकार को यह राशि जारी करने का आदेश दे. बता दें, केंद्र सरकार का इस आदेश के बाद मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य भी सरकार कर्मचारियों के भत्ते रोक चुके हैं.