वाशिंगटन. कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन में तकरार बढ़ती जा रही है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले ही अमेरिका के द्वारा डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली फंडिंग को रोक दी थी, अब इस बीच ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयेसस को एक चि_ी लिखी है.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस खत में लिखा है कि अगर अगले तीस दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपनी नीति और संगठन में बड़ा बदलाव नहीं करता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग को हमेशा के लिए बंद कर देगा. बता दें कि अभी अमेरिका की ओर से फंडिंग को सिफज़् कुछ समय के लिए बंद किया गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चि_ी में लिखा है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी मेंबरशिप पर भी दोबारा विचार कर सकता है. उल्लेखनीय है कि अमेरिका की ओर से लगातार इस बात का आरोप लगाया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के मामले में घोर लापरवाही बरती है और पूरी तरह से चीन का पक्ष लिया है, इसी वजह से दुनिया को भुगतना पड़ रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के द्वारा लिखी गई चि_ी में डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया गया है कि दिसंबर 2019 में वुहान से कोरोना वायरस को लेकर जो भी रिपोटर््स आईं उनको नजरअंदाज किया गया.
राष्ट्रपति ट्रम्प के अनुसार दिसंबर 2019 में ही पता लग गया था कि ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है, लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया और दुनिया को चेतावनी नहीं दी गई. साथ ही किसी भी देश को ऐसी बीमारी को चौबीस घंटे के अंदर रिपोर्ट करना होता है, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन पर हमला करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस चि_ी में कुछ पुराने बयानों का भी जिक्र किया है, जिसमें ये दावा किया गया था कि कोरोना वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है. डोनाल्ड ट्रम्प ने लिखा कि डब्ल्यूएचओ अगले तीस दिनों में सख्त फैसला ले, वरना बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह अपने देश के लोगों के टैक्स का पैसा इस तरह बर्बाद नहीं कर सकते हैं.