पेइचिंग. जिस चीन ने दुनिया को कोरोना जैसी महामारी दी, उसको अब कुदरत की मार झेलनी पड़ रही है. दक्षिणी चीन के मूसलाधार बारिश और बड़े पैमाने पर बाढ़ के कारण झिंजियांग बांध पर इतना ज्यादा पानी इक_ा हो गया कि चीन ने अपने ही लोगों की बलि देना शुरू कर दिया. बांध के सभी नौ जलद्वार खोल दिए, इसके बाद यहां पर बांध के पानी से करीब 12 गांव बह गए, जिससे 300,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए.
लगातार बारिश के कारण यहां पर जल स्तर खतरनाक दर से बढ़ गया था. अधिकारियों ने 2011 के बाद पहली बार बांध के तीन जलद्वार खोले. बांध के जलाशय में पानी का स्तर, आमतौर पर झील के पानी के बराबर होता था. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पानी की स्तर 108.45 मीटर तक पहुंच गया, जो 1999 में 108.37 के पिछले रिकॉर्ड से अधिक था.
पानी के स्तर को और कम करने के लिए सुबह 9 बजे बांध संचालकों ने घोषणा की कि उन्होंने 1959 में पहली बार सभी नौ जलद्वार खोले हैं. दोपहर तक बांध से बाढ़ का पानी 7,800 घन मीटर प्रति सेकंड तक पहुंच गया था. स्थानीय पानी की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पानी के तेज बहाव के कारण यहां पर मछलियों को उसकी धार में उड़ता देखा गया. सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया कि कुछ मछलियों का वजन 15 किलोग्राम तक था.
बाढ़ के पानी के बहाव ने 12 गांवों को जल्द ही जलमग्न कर दिया, जिससे 653 हेक्टेयर में फसली तबाही हुई. इससे 41 कंपनियां प्रभावित हुईं और शहर जियानडे में आठ काउंटी और कस्बों में 300,000 लोग प्रभावित हुए. बाढ़ के पानी आवासीय भवनों की दूसरी मंजिल तक बढ़ गए और 42,800 से अधिक लोगों को निकाल लिया गया है.
29 मई को बारिश के मौसम की शुरुआत के बाद से हांग्जो में औसत 2.7 गुना 710 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. जियानडे, चुनान और टोंग्लू काउंटियों और हांग्जो के लिनियन जिले में अधिक बारिश का अनुमान है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार बाढ़ ने कृषि, औद्योगिक और खनन उद्यमों, बुनियादी ढांचे, और निजी संपत्ति को नुकसान में 124 मिलियन चीनी युआन (यूएस 17.7 मिलियन डॉलर) का नुकसान पहुंचाया है.