वाराणसी। हाल ही में तकरीबन दो माह पूर्व प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र जनपद वाराणसी में एक निर्माणाधीन पुल के हिस्से के गिर जाने के चलते हुए दर्दनाक हादसे पर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कहे अनुरूप सख्त कारवाई करते हुए आज इस मामले पर अब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 इंजीनियर और 1 ठेकदार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गौरतलब है कि विगत 15 मई को वाराणसी में एक निर्माणाधीन फ़्लाईओवर का हिस्सा गिर गया था। इस पुल के नीचे से गुज़र रही कई गाड़ियां फ़्लाईओवर के पिलर के नीचे दब गईं थी। हादसे में 18 लोगों की मौत की पुष्टी की गई थी। इस मामले पर अब प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 इंजीनियर और 1 ठेकदार को गिरफ्तार किया है। जिसमें चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी भी शामिल हैं। वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने भी गिरफ्तारी की पुष्टी की है।
ज्ञात हो कि हादसा वाराणसी-इलाहाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग पर हुआ था। जब ये ओवरब्रिज भरभराकर गिर था तब उसके नीचे ट्रैफिक चल रहा था। गाड़ियां सड़क से चिपक गईं जो जहां था, वहीं थमकर रह गया। कुछ लोगों की चीखें निकल गईं तो वहीं कुछ को चीखने का मौका तक नहीं मिला। देखते ही देखते 18 लोग मौत के मुंह में समा गए।
इतना ही नही बल्कि हादसे के बाद देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंचे थे। यहां उन्होंने उच्चस्तरीय जांच टीम गठित कर उनसे 48 घंटे में हादसे पर रिपोर्ट मांगी थी। सीएम योगी इस दौरान वाराणसी में घायल लोगों से भी मिले। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था। फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था।
ओवरब्रिज के मुख्य परियोजना प्रबंधक एच सी तिवारी समेत चार अधिकारियों को हादसे की देर रात निलंबित कर दिया गया था। सस्पेंड किए गए अफसरों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेंद्र सिंह, केआर सुदान और एक अन्य राज्य सेतु निगम कर्मचारी लालचंद शामिल थे।